Ajit Pawar NCP Controversy: पुणे नगर निगम चुनाव के बिगुल बजते ही राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है. आयुष कोमकर हत्या मामले में जेल की सजा काट रहे आंदेकर परिवार के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट) ने रेड कार्पेट बिछा दिया है. पार्टी ने आंदेकर परिवार की दो महिला सदस्यों को अधिकृत 'एबी फॉर्म' (AB Form) देकर चुनावी मैदान में उतारा है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जेल की सलाखों के पीछे से यह चुनाव कैसे लड़ा जाता है?
जेल से दाखिल किया नामांकन
आयुष कोमकर हत्याकांड के कारण फिलहाल जेल में बंद लक्ष्मी आंदेकर और सोनाली आंदेकर को एनसीपी ने अपनी पार्टी का उम्मीदवार बनाया है. इन दोनों ने अपने वकीलों के माध्यम से पुणे के भवानी पेठ क्षेत्रीय कार्यालय में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है. दूसरी ओर, परिवार के वरिष्ठ सदस्य यानी ससुर बंडू आंदेकर को पार्टी ने टिकट नहीं दिया है, जिसके बाद उन्होंने निर्दलीय (Independent) चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है. अदालत ने पहले ही इन आरोपियों को जेल से चुनाव लड़ने की अनुमति दे दी थी.
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प्रभाग 23 बना आंदेकर परिवार का अखाड़ा
प्रभाग क्रमांक 23 में कुल चार उम्मीदवार होने की संभावना है, जिनमें से तीन उम्मीदवार अकेले आंदेकर परिवार से ही हैं. इनमें से दो राष्ट्रवादी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं, जबकि एक निर्दलीय है. भवानी पेठ और आसपास का इलाका आंदेकर परिवार का गढ़ माना जाता है. भले ही मुख्य उम्मीदवार जेल में हों, लेकिन चुनावी मैदान में उनकी 'टोली' और समर्थकों का भारी प्रभाव देखने को मिल सकता है. गौरतलब है कि इस परिवार का पुणे की राजनीति में पुराना इतिहास रहा है और उन्होंने पहले पुणे का महापौर पद भी संभाला है.
कोमकर बनाम आंदेकर: मुकाबला होगा दिलचस्प
आंदेकर परिवार को टिकट मिलने के बाद अब सबकी नजरें मृतक आयुष कोमकर की मां की भूमिका पर टिकी हैं. उन्होंने पहले ही मांग की थी कि हत्या के आरोपियों को राजनीतिक दल टिकट न दें. उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना से उम्मीदवारी की मांग की है. यदि उन्हें टिकट मिलता है, तो प्रभाग 23 में 'कोमकर बनाम आंदेकर' का सीधा और भावनात्मक मुकाबला देखने को मिलेगा. इसके अलावा, कुख्यात अपराधी गजा मारणे की पत्नी जयश्री मारणे को भी अजित पवार की पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है, जिससे पुणे की चुनावी राजनीति में अपराधियों के वर्चस्व पर नई बहस छिड़ गई है.
रेवती हिंगवे की रिपोर्ट
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