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दिल्ली, नोएडा ही नहीं, मुंबई में भी हवा जहरीली, 600 परियोजनाओं को MHADA ने थमाया नोटिस

दिल्ली, नोएडा की तरह मुंबई में भी वायु प्रदूषण गहराता जा रहा है. म्हाडा ने इसको देखते हुए कड़ा कदम उठाया है और 600 परियोजनाओं को नोटिस जारी किया है.

Mumbai Pollution
मुंबई:

मुंबई में बढ़ते वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए अब महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (MHADA) ने बड़ा कदम उठाया है. मुंबई मंडल ने वायु प्रदूषण रोकने के लिए सख्त रुख अपनाया है. मंडल की ओर से करीब 600 निर्माण परियोजनाओं को नोटिस या लेटर भेजे गए हैं. सभी डेवलपर्स और ठेकेदारों को प्रदूषण नियंत्रण नियमों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया गया है. निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण, पानी का छिड़काव और अन्य आवश्यक उपाय लागू करने को कहा गया है.

यह कदम मुंबई में वायु प्रदूषण पर नियंत्रण लाने के गंभीर प्रयासों का हिस्सा है.,इनमें बांबे हाईकोर्ट, नगरपालिका (BMC) और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPCB) सक्रिय है. हाईकोर्ट ने भी सार्वजनिक स्वास्थ्य और शहर की हवा की गुणवत्ता को लेकर अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने ताजी हवा में सांस लेने को नागरिक का मौलिक अधिकार बताया है.

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निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण

निर्माण के दौरान उत्पन्न होने वाली धूल को रोकने के उपाय लागू करने की स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं, जैसे कि नियमित पानी का छिड़काव (water sprinkling) और साइट को ढकने/बैरिकेडिंग जैसी व्यवस्था रखना.

प्रदूषण नियंत्रण नियमों का सख्त पालन

डेवलपर्स और ठेकेदारों को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी निर्माण गतिविधियाँ पर्यावरण वायु प्रदूषण नियमों के अनुरूप हों। नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर काम रोकने (stop-work) जैसी कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है

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MHADA ने दी कार्रवाई की चेतावनी

MHADA ने यह स्पष्ट किया है कि अगर प्रदूषण नियंत्रण दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया गया, तो संबंधित परियोजनाओं पर काम रोकने या अन्य कानूनी कार्रवाई लागू की जाएगी.

क्यों यह कदम जरूरी?

वायु प्रदूषण के मुख्य स्रोतों में निर्माण स्थलों से उठने वाली धूल एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, खासकर सर्दियों के मौसम में जब हवा स्थिर रहती है और शहर का AQI और भी बिगड़ जाता है। ऐसे में निर्माण गतिविधियों से निकलने वाले कण (PM2.5/PM10) स्वास्थ्य के लिए गंभीर जोखिम पैदा करते हैं.

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