महाराष्ट्र में ओला व उबेर टेक्सी सर्विस पर सख्त नियम लागू किए गए हैं.
- टैक्सी पर भगवा रंग के बैंड लगाना होगा जरूरी
- 980 सीसी से कम क्षमता के वाहन नहीं चलेंगे
- डीजल वाहनों पर होगा प्रतिबंध
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मुंबई:
ओला और उबेर की टैक्सी सर्विस पर महाराष्ट्र सरकार ने सख्त प्रतिबंध लागू किए हैं. सिटी टैक्सी कानून 2017 के तहत,
फ्लीट टैक्सी सर्विस का दाम सरकार तय करेगी. सभी वाहनों को परमिट और वाहन चालक को लाइसेंस जरूरी होगा. 1400 सीसी से कम क्षमता के वाहन के परमिट के लिए 25 हजार रुपये और इससे अधिक क्षमता के वाहनों के परमिट का 2,61,000 रुपये शुल्क लगेगा. पांच साल के परमिट का सेवा चार्ज एक लाख रुपये होगा.
नियमों के मुताबिक कोई भी टैक्सी 980 सीसी से कम क्षमता की नहीं होगी और इस तरह का कोई भी वाहन डीज़ल से नहीं चलेगा. टैक्सी कंपनी को रसीदें तीन महीने तक संभालकर रखनी होंगी. फ्लीट टैक्सी का ड्राइवर बिना कम्पनी को बताए सेवा नहीं देगा.
महाराष्ट्र सरकार ने कुल 74 अलग-अलग ऐसे नियम बनाए हैं जिससे ऐप बेस टैक्सी कारोबार पर नकेल कसी जाए. दिल्ली सरकार की ऐसी ही पहल विफल होने के बावजूद महाराष्ट्र सरकार उस बात से सीख नहीं ले रही. यही सरकार शहर में पहले से चल रही पुरानी टैक्सी सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए कोई पहल करती नहीं दिखती.
महाराष्ट्र का परिवहन विभाग शिवसेना के पास है. इसके चलते विभाग के मंत्री ने हर फ्लीट टैक्सी पर भगवे रंग का बैंड लगाने का आदेश भी जारी किया है. अपने आदेश का समर्थन करते हुए महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री दिवाकर रावते ने एनडीटीवी इंडिया से बातचीत में कहा कि इन लोगों की मनमानी नहीं चलने देंगे. ये अपनी मनमानी चलाते हैं. पीक आवर में ज्यादा भाड़ा वसूलते हैं और नान पीक आवर में कम. इन्हें नियम के अधीन रहना ही होगा.
मार्च के शुरुआती हफ्ते में जारी हुए सरकारी फरमान को अमल में लाने के लिए फ्लीट टैक्सी कंपनियों को 6 महीने का समय दिया गया है.
फ्लीट टैक्सी सर्विस का दाम सरकार तय करेगी. सभी वाहनों को परमिट और वाहन चालक को लाइसेंस जरूरी होगा. 1400 सीसी से कम क्षमता के वाहन के परमिट के लिए 25 हजार रुपये और इससे अधिक क्षमता के वाहनों के परमिट का 2,61,000 रुपये शुल्क लगेगा. पांच साल के परमिट का सेवा चार्ज एक लाख रुपये होगा.
नियमों के मुताबिक कोई भी टैक्सी 980 सीसी से कम क्षमता की नहीं होगी और इस तरह का कोई भी वाहन डीज़ल से नहीं चलेगा. टैक्सी कंपनी को रसीदें तीन महीने तक संभालकर रखनी होंगी. फ्लीट टैक्सी का ड्राइवर बिना कम्पनी को बताए सेवा नहीं देगा.
महाराष्ट्र सरकार ने कुल 74 अलग-अलग ऐसे नियम बनाए हैं जिससे ऐप बेस टैक्सी कारोबार पर नकेल कसी जाए. दिल्ली सरकार की ऐसी ही पहल विफल होने के बावजूद महाराष्ट्र सरकार उस बात से सीख नहीं ले रही. यही सरकार शहर में पहले से चल रही पुरानी टैक्सी सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए कोई पहल करती नहीं दिखती.
महाराष्ट्र का परिवहन विभाग शिवसेना के पास है. इसके चलते विभाग के मंत्री ने हर फ्लीट टैक्सी पर भगवे रंग का बैंड लगाने का आदेश भी जारी किया है. अपने आदेश का समर्थन करते हुए महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री दिवाकर रावते ने एनडीटीवी इंडिया से बातचीत में कहा कि इन लोगों की मनमानी नहीं चलने देंगे. ये अपनी मनमानी चलाते हैं. पीक आवर में ज्यादा भाड़ा वसूलते हैं और नान पीक आवर में कम. इन्हें नियम के अधीन रहना ही होगा.
मार्च के शुरुआती हफ्ते में जारी हुए सरकारी फरमान को अमल में लाने के लिए फ्लीट टैक्सी कंपनियों को 6 महीने का समय दिया गया है.
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