
महाराष्ट्र कैबिनेट की मंगलवार को अहम बैठक हुई. इस दौरान महाराष्ट्र सरकार ने मछुआरों को लेकर एक ऐतिहासिक फैसला किया है. इसके तहत अब महाराष्ट्र के मछुआरों को अब कृषि किसान का दर्जा दिया जाएगा. मत्स्य व्यवसाय मंत्री नितेश राणे ने यह घोषणा की. इसके साथ ही महाराष्ट्र कैबिनेट ने विभिन्न विभागों में विकास, बुनियादी ढांचे और प्रशासनिक सुधार उपायों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं.
महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले के बाद प्रदेश के मछुआरों को कृषि किसानों को मिलने वाली सभी योजनाएं और लाभ मिल सकेंगे. सरकार के इस फैसले से महाराष्ट्र के 4 लाख 83 हजार मछुआरों को लाभ मिलेगा.
सरकार के इस फैसले के बाद कई मछुआरों ने खुशी जताई है. साथ ही कहा है कि उनके लिए यह फैसला अहम है और इसके कारण उनका जीवन और बेहतर होगा.
हिंदी की अनिवार्यता को किया खत्म
इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में प्रदेश के स्कूलों में हिंदी की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है. इसके साथ ही सरकार ने पहली कक्षा से पांचवीं तक हिंदी पढ़ाने के फैसले पर सरकार ने रोक लगा दी है.
महाराष्ट्र सरकार के स्कूल शिक्षा मंत्री दादा भुसे ने बताया कि महाराष्ट्र सरकार ने पहली से पांचवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए तीसरी भाषा के रूप में हिंदी को अनिवार्य बनाने के अपने आदेश पर रोक लगा दी है.
इसके साथ ही स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि कक्षा 1 से कक्षा 5 तक तीसरी भाषा के रूप में हिंदी को अनिवार्य बनाया गया था, जिस पर राज्य सरकार ने अहम फैसला करते हुए इस पर रोक लगा दी है.
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