
मध्य प्रदेश और राजस्थान में खांसी के सिरप (Cough Syrup) पीने से कई बच्चों की मौत के मामले ने हड़कंप मचा दिया है. इस पूरे प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) और संबंधित राज्य की ड्रग कंट्रोल एजेंसियां जांच में जुटी हैं. मामले की असल वजह जानने के लिए दवाओं के नमूनों की जांच राज्य की ड्रग अथॉरिटी ने की, जिसकी रिपोर्ट सामने आ चुकी है.
रिपोर्ट में नहीं मिले जहरीले केमिकल
जांच रिपोर्ट के अनुसार खांसी के सिरप में जहरीले केमिकल नहीं मिले हैं. डाइथिलीन ग्लाइकोल और एथिलीन ग्लाइकोल जैसे जहरीले केमिकल की बात कही जा रही थी, लेकिन रिपोर्ट में इस तरह की कोई बात सामने नहीं आई. ये दोनों केमिकल आमतौर पर गुर्दे को नुकसान पहुंचाने वाले माने जाते हैं. मध्य प्रदेश राज्य औषधि प्रशासन ने भी तीन सैंपल जांचे और पुष्टि की कि इनमें DEG/EG मौजूद नहीं थे. हालांकि, NIV पुणे ने बच्चों के रक्त और CSF के सैंपल की जांच की, जिसमें एक केस में लेप्टोस्पायरोसिस संक्रमण मिला है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी सलाह
बता दें कि घटनाओं की जांच के लिए NCDC, NIV, CDSCO और अन्य एजेंसियों की एक संयुक्त टीम ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया था. वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (DGHS) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह देते हुए कहा कि, 'बच्चों में खांसी की सिरप का उपयोग सोच-समझकर और सीमित रूप से किया जाए'.
संभावित कारणों की हो रही गहराई से जांच
NEERI, NIV पुणे और अन्य संस्थान अभी पानी, मच्छरों (Entomological vectors) और सांस के सैंपल्स की जांच कर रहे हैं. कुल मिलाकर अब तक की जांच में किसी भी सिरप में जहरीले केमिकल नहीं पाए गए हैं. विशेषज्ञ सभी संभावित कारणों की गहराई से जांच कर रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके.
बीते दिनों मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में खांसी की सिरप पीने के बाद 9 बच्चों की किडनी फेल होने से मौत हो गई थी. इसके अलावा, राजस्थान के सीकर जिले में भी इसी तरह से एक बच्चे की मौत हुई थी.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं