प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
- ऐतिहासिक ऐशबाग रामलीला के आयोजकों में भारी उत्साह
- संयोजक ने कहा, मोदी ने सेना का मनोबल बढ़ाया है, हम उनका मनोबल बढ़ाएंगे
- समाजवादी पार्टी ने मोदी के कदम को कोरी सियासत बताया
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लखनऊ:
लखनऊ की ऐतिहासिक ऐशबाग रामलीला में इस बार 'आतंकवाद' का रावण बनेगा और उसे जलाएंगे पीएम नरेंद्र मोदी. इस रामलीला के संयोजकों का कहना है कि पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक की हिम्मत दिखाने वाले मोदी ही इस बार रावण को जलाने के सच्चे हकदार हैं. लेकिन समाजवादी पार्टी ने इसे कोरी सियासत बताया है.
ऐशबाग की रामलीला इस बार कुछ खास है. कभी अवध के नवाब असफुद्दौला ने रामलीला करने के लिए यहां 6 एकड़ जमीन दी थी. इस तरह नवाब असफुद्दौला के बनाए रामलीला मैदान में पीएम मोदी रावण जलाएंगे. पहली बार यहां दशहरा के आयोजन में कोई प्रधानमंत्री शामिल होंगे. इसके पहले अटलबिहारी वाजपेयी भी यहां एक बार रावण दहन कर चुके हैं, लेकिन तब वे प्रधानमंत्री नहीं थे.
मोदी के आने की खबर से रामलीला समिति में जबर्दस्त उत्साह है. समिति के संयोजक आदित्य अवस्थी ने एनडीटीवी से कहा ''उनके हाथों रावण दहन हो यह हमारे लिए बड़ी बात होगी. और उन्होंने जिस तरह आतंकवादियों को मिटाने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक करने का साहस किया है वह बेमिसाल है. उन्होंने सेना का मनोबल बढ़ाया है...हम उनका मनोबल बढ़ाना चाहते हैं.''
यह रमालीला समिति यहां हर बार रावण किसी सामाजिक बुराई पर बनाती है. यूपीए सरकार के वक्त यह घोटालों का रावण जला चुकी है. उरी में आतंकवादी हमले के बाद अब यह आतंकवाद का रावण बना रही है. आदित्य अवस्थी कहते हैं कि “इस समय देश की सबसे बड़ी समस्या आतंकवाद है. और उरी की घटना से तो पूरा देश आहत है. इसलिए हमें रावण बनाने के लिए यही सबसे उपयुक्त विषय लगा. ”
मोदी के दशहरे पर गैर बीजेपी दलों में प्रतिक्रिया हुई है. समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अंबिका चौधरी ने कहा है कि “मोदी दिल्ली से लखनऊ दशहरा मनाने के लिए आएं इसका कोई तुक नहीं.. अगर वे वाराणसी भी चले जाते तो फिर भी वह उनकी कांस्टीट्यूएंसी है. और रावण जलाने के मौके पर मोदी भाषण क्यों देना चाहते हैं. अगर यह त्योहार है तो इसे त्योहार ही रहने दें.”
ऐशबाग की रामलीला इस बार कुछ खास है. कभी अवध के नवाब असफुद्दौला ने रामलीला करने के लिए यहां 6 एकड़ जमीन दी थी. इस तरह नवाब असफुद्दौला के बनाए रामलीला मैदान में पीएम मोदी रावण जलाएंगे. पहली बार यहां दशहरा के आयोजन में कोई प्रधानमंत्री शामिल होंगे. इसके पहले अटलबिहारी वाजपेयी भी यहां एक बार रावण दहन कर चुके हैं, लेकिन तब वे प्रधानमंत्री नहीं थे.
मोदी के आने की खबर से रामलीला समिति में जबर्दस्त उत्साह है. समिति के संयोजक आदित्य अवस्थी ने एनडीटीवी से कहा ''उनके हाथों रावण दहन हो यह हमारे लिए बड़ी बात होगी. और उन्होंने जिस तरह आतंकवादियों को मिटाने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक करने का साहस किया है वह बेमिसाल है. उन्होंने सेना का मनोबल बढ़ाया है...हम उनका मनोबल बढ़ाना चाहते हैं.''
यह रमालीला समिति यहां हर बार रावण किसी सामाजिक बुराई पर बनाती है. यूपीए सरकार के वक्त यह घोटालों का रावण जला चुकी है. उरी में आतंकवादी हमले के बाद अब यह आतंकवाद का रावण बना रही है. आदित्य अवस्थी कहते हैं कि “इस समय देश की सबसे बड़ी समस्या आतंकवाद है. और उरी की घटना से तो पूरा देश आहत है. इसलिए हमें रावण बनाने के लिए यही सबसे उपयुक्त विषय लगा. ”
मोदी के दशहरे पर गैर बीजेपी दलों में प्रतिक्रिया हुई है. समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अंबिका चौधरी ने कहा है कि “मोदी दिल्ली से लखनऊ दशहरा मनाने के लिए आएं इसका कोई तुक नहीं.. अगर वे वाराणसी भी चले जाते तो फिर भी वह उनकी कांस्टीट्यूएंसी है. और रावण जलाने के मौके पर मोदी भाषण क्यों देना चाहते हैं. अगर यह त्योहार है तो इसे त्योहार ही रहने दें.”
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लखनऊ, ऐतिहासिक ऐशबाग रामलीला, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मोदी जलाएंगे रावण का पुतला, आतंकवाद का रावण, Lukhnow, Aishbagh Ramlila, PM Narendra Modi, Modi To Burn Rawana Of "TERROR", BJP, Samajwadi Party