जम्मू कश्मीर में लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव नहीं कराने के निर्वाचन आयोग के फैसले की राजनीतिक पार्टियों द्वारा आलोचना किए जाने के बीच राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) शालिंदर कुमार ने रविवार को कहा कि चुनाव आयोग के विवेक का सम्मान करना चाहिए क्योंकि राज्य की मौजूदा सुरक्षा स्थिति के चलते यहां साथ में चुनाव कराना संभव नहीं था. कुमार ने कहा कि 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले जैसी घटनाओं ने प्रशासन को अलर्ट पर रखा हुआ है और सीमावर्ती इलाकों समेत पूरे राज्य में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए सभी जरूरी उपाय किए गए हैं. सीमावर्ती इलाके पाकिस्तान द्वारा संघर्षविराम उल्लंघन किए जाने का सामना कर रहे है.
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कुमार ने यहां पत्रकारों से कहा कि जो भी निर्णय लिया गया है उसके लिए हमें चुनाव आयोग के विवेक का सम्मान करना चाहिए. फैसला किया जा चुका है और अब क्यों और क्या से कुछ नहीं होने वाला है. एक ही चुनाव (लोकसभा चुनाव) की घोषणा की गई है और हमें बहुत स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से एक ही चुनाव कराना चाहिए. यह पूछे जाने पर कि जब दोनों चुनावों के लिए सुरक्षा की स्थिति ठीक नहीं थी तो चुनाव आयोग लोकसभा चुनाव कैसे कराने जा रहा है, इस पर कुमार ने कहा कि दोनों चुनाव साथ कराने का मतलब है कि आपको उम्मीदवारों के लिए अधिक सुरक्षा की जरूरत होगी.
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