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Rashmi Gupta ki Best Poem: 'ए जिंदगी थोड़ा धीरे-धीरे चल'... जिंदगी जीना सीखाती है रश्मि गुप्ता की ये कविता

एक बार फिर रश्मि गुप्ता लेकर आईं हैं शानदार कविता, जिसमें उन्होंने जिदंगी की खूबसूरती को बयां करती है.

Rashmi Gupta ki Best Poem: 'ए जिंदगी थोड़ा धीरे-धीरे चल'... जिंदगी जीना सीखाती है रश्मि गुप्ता की ये कविता
नई दिल्ली:

Rashmi Gupta Peom: कला की धनी अपनी आवाज और लेखनी से दिलों को छूने वालीं रश्मि गुप्ता की कविताएं लोगों को खूब पसंद आ रही है. एक बार फिर रश्मि गुप्ता लेकर आईं हैं शानदार कविता, जिसमें उन्होंने जिदंगी की खूबसूरती को बयां करती है. रश्मि गुप्ता ने वैसे तो कई सारी कविताएं लिखी हैं, जो समय-समय पर आप पढ़ते हैं, उनकी कुछ रचनाओं में से पेश हैं 'ए जिंदगी थोड़ा धीरे-धीरे चल'...जो आपको बेहद पसंद आएगी.


ए जिंदगी थोड़ा धीरे-धीरे चल, 
अब मुझे और जीने का मन करता है, 
तेरे बदले हुए इस रूप में खो जाने को जी करता है। 

अब ना कोई आंधियां ना कोई झंझाबात है, 
सिमट गई है जिंदगी चेहरे पर उम्र की बात है, 

आज फिर सूरज मुस्कुराएगा,
 मुझे अपने संग देख बहुत इतराएगा, 
उसकी ऊर्जा का लुत्फ उठा लेने दो 
, तन मन में समेट थोड़ा मुस्कुरा लेने दो।

आईना देखने से मन कतराता है, 
देखूं तो सैकड़ो सवाल कर जाता है,
समय बदलेगा ऐसा विश्वास था मुझे, 
पर उम्र के निकल जाने का एहसास ना था मुझे। 

माना कि अब हाथ पैर कम साथ देंगे,
 मुझे लड़खड़ाते देख मुस्कुराएंगे,
लेकिन दिल तो जवान है ए जिंदगी, 
क्यों ना हम इसका पूरा लुत्फ उठाएंगे।

लड़ते लड़ते जिंदगी से अब कमजोर हो चुकी हूं, 
काम धीरे-धीरे करने को मजबूर हो चुकी हु,
लेकिन ए जिंदगी मेरी आंखों में अब भी उल्लास है,
 तेरे साथ जीने का हौसला जवान है। 

अभी तो समय मिला है दोस्तों से कर बात करने का,
नोकझोंक करने का दिल को जवा करने का।

समय की दौड़ में खो गए थे सुर सारे,
अब तसल्ली से सुरों को सजाने का वक्त मिलेगा।
इसलिए है जिंदगी थोड़ा धीरे-धीरे चल, 
अब तेरे साथ और जीने का मन करता है और जीने का मन करता है.

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