नई दिल्ली:
समकालीन अंग्रेजी साहित्य के श्रेष्ठ भारतीय लेखकों में से एक मनु जोसेफ का नया उपन्यास इस वर्ष सितंबर में प्रकाशन होने जा रहा है. प्रकाशक हार्पर कोलिंस का कहना है, "जोसेफ का नया उपन्यास 'मिस लैला, आर्म्ड एंड डेंजरस' प्रतिष्ठित श्रृंखला 'फोर्थ एस्टेट' के अंतर्गत सितंबर, 2017 में प्रकाशित होगा."
हार्पर कोलिंस इंडिया के स्वामी उदय मित्रा ने इस उपन्यास को बहुत ही ताकतवर और खोजपूर्ण कार्य बताया. उन्होंने कहा कि एक लंबे अंतराल के बाद उन्हें इस तरह की चीज पढ़ने को मिली.
मित्रा ने कहा, "यह पहली नजर में किसी बेहद बहादुर किरदार का किस्सा लगता है और हास्य की पुट के साथ मजेदार भी है और यह वह किताब है जो केवल मनु जोसेफ की कलम से ही आ सकती है."
उन्होंने कहा कि यह उपन्यास मुंबई में एक इमारत के ढहने की घटना से शुरू होता है. इमारत के मलबे में दबा एक व्यक्ति है बेहोशी की हालत में बड़बड़ा रहा है. ऐसा लगता है कि वह एक युवा मुस्लिम जोड़ी के वास्तविक क्षणों को याद कर रहा है. वहीं दूसरी ओर, एक युवा खुफिया एजेंट को दो संदिग्ध आतंकियों को छुपाने का काम दिया जाता है, जिनमें से एक किशोर है और उसकी गली में एक सबकी प्यारी लैला है.
सामाजिक, राजनीतिक, सांप्रदायिक और लिंग विवाद से परिपूर्ण हाल के इतिहास से कुछ अंश लेते हुए मनु अपने इस उपन्यास की मदद से पूरी व्यवस्था पर व्यंग्य करते हैं. वे केवल राजनेताओं, नौकरशाही, कानून प्रवर्तन अधिकारियों और नौकरों पर ही नहीं, बल्कि खोजी पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, सोशल मीडिया के धुरंधर और सचमुच साधारण व्यक्ति पर भी व्यंग्य करते हैं.
जोसेफ को 'सीरियस मैन' और 'द इलिसिट हैप्पीनेस ऑफ अदर पीपल' जैसी कृति के लिए जाना जाता है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
हार्पर कोलिंस इंडिया के स्वामी उदय मित्रा ने इस उपन्यास को बहुत ही ताकतवर और खोजपूर्ण कार्य बताया. उन्होंने कहा कि एक लंबे अंतराल के बाद उन्हें इस तरह की चीज पढ़ने को मिली.
मित्रा ने कहा, "यह पहली नजर में किसी बेहद बहादुर किरदार का किस्सा लगता है और हास्य की पुट के साथ मजेदार भी है और यह वह किताब है जो केवल मनु जोसेफ की कलम से ही आ सकती है."
उन्होंने कहा कि यह उपन्यास मुंबई में एक इमारत के ढहने की घटना से शुरू होता है. इमारत के मलबे में दबा एक व्यक्ति है बेहोशी की हालत में बड़बड़ा रहा है. ऐसा लगता है कि वह एक युवा मुस्लिम जोड़ी के वास्तविक क्षणों को याद कर रहा है. वहीं दूसरी ओर, एक युवा खुफिया एजेंट को दो संदिग्ध आतंकियों को छुपाने का काम दिया जाता है, जिनमें से एक किशोर है और उसकी गली में एक सबकी प्यारी लैला है.
सामाजिक, राजनीतिक, सांप्रदायिक और लिंग विवाद से परिपूर्ण हाल के इतिहास से कुछ अंश लेते हुए मनु अपने इस उपन्यास की मदद से पूरी व्यवस्था पर व्यंग्य करते हैं. वे केवल राजनेताओं, नौकरशाही, कानून प्रवर्तन अधिकारियों और नौकरों पर ही नहीं, बल्कि खोजी पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, सोशल मीडिया के धुरंधर और सचमुच साधारण व्यक्ति पर भी व्यंग्य करते हैं.
जोसेफ को 'सीरियस मैन' और 'द इलिसिट हैप्पीनेस ऑफ अदर पीपल' जैसी कृति के लिए जाना जाता है.
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