नहीं रहे जाने-माने तेलुगू कवि पद्मश्री नारायण रेड्डी

सन् 1950 से साहित्य के क्षेत्र में अपना कार्य शुरू करने वाले रेड्डी पद्मश्री, साहित्य अकादमी पुरस्कार और अन्य सम्मानों से सम्मानित थे. उनके लिखे तेलुगू फिल्मों के गाने काफी लोकप्रिय हुए. 

नहीं रहे जाने-माने तेलुगू कवि पद्मश्री नारायण रेड्डी

प्रसिद्ध तेलुगू कवि, लेखक और गीतकार सी. नारायण रेड्डी का सोमवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. परिवार के सूत्रों के अनुसार रेड्डी 85 वर्ष के थे. साहित्य गलियारों में 'सिनारे' नाम से प्रसिद्ध, ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता रेड्डी ने हैदराबाद के केयर अस्पताल में अंतिम सांस ली. सन् 1950 से साहित्य के क्षेत्र में अपना कार्य शुरू करने वाले रेड्डी पद्मश्री, साहित्य अकादमी पुरस्कार और अन्य सम्मानों से सम्मानित थे. उनके लिखे तेलुगू फिल्मों के गाने काफी लोकप्रिय हुए. 

रेड्डी ने राज्यसभा के सदस्य के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं. 

29 जुलाई,1931 को करीमनगर जिले के हनुमानजीपेट गांव में एक किसान परिवार में जन्मे, नारायण रेड्डी ने उस्मानिया विश्वविद्यालय से ऊर्दू भाषा में बीए किया था. 

उन्होंने अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन और डॉक्टरेट तमिल साहित्य में की और हैदराबाद के कई विद्यालयों में लेक्चरर रहे और उस्मानिया विश्वविद्यालय में प्रोफेसर बने. 

तेलुगू साहित्य में उनकी कई साहित्यिक कृतियां मील का पत्थर बनीं और जिनके लिए उन्होंने कई सम्मान जीते. उनके निधन ने तेलुगू साहित्य की दुनिया और फिल्म जगत को निराशा में डाल दिया है. 

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम. वेंकैया नायडू, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, दोनों राज्यों के राज्यपाल ई.एस.एल. नरसिम्हन सभी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं और साहित्यिक और फिल्म की प्रतिष्ठित हस्तियों ने नारायण रेड्डी के निधन पर अपना शोक प्रकट किया. 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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