Parenting Tips: बच्चा 3 साल की उम्र से ही झूठ बोलना शुरू कर सकता है और 4 या 6 तक पहुंचते-पंहुचते ज्यादातर बच्चे झूठ बोलना शुरू कर देते हैं. बच्चों के हावभाव और बात करने का तरीका भी ऐसा हो जाता है कि सामने वाले व्यक्ति के लिए समझना मुश्किल होने लगता है कि बच्चा झूठ (Lie) बोल रहा है या सच. बच्चा किसी बात को छुपाने के लिए, डांट से बचने के लिए, कहानी रचने के लिए, कुछ पाने के लिए या किसी और को मुसीबत में डालने के लिए झूठ बोल सकता है. यहां ऐसे कुछ सुझाव दिए गए हैं जिनकी मदद से आप बच्चे की झूठ बोलने की आदत (Habit) दूर कर सकते हैं.
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बच्चों को झूठ बोलने से कैसे रोकें | How To Stop Children From Lying
रोल मोडल बनना
बच्चा आपके सफेद या काले झूठ के बीच अंतर करना नहीं जानता. अगर उसे दिखता है कि माता-पिता (Parents) किसी स्थिति से बचने के लिए झूठ बोल रहे हैं तो वह भी ऐसा ही करेगा. इसलिए आपको झूठ छोड़ने की आदत खुदसे छोड़नी शुरू करनी होगी जिसका असर बच्चे पर भी पड़ेगा.
अगर आप बच्चे को झूठ कहते सुनते हैं या उसका झूठ पकड़ लेते हैं तो उसे इस बात से अवगत कराएं. आप हल्की डांट भी बच्चे को सुना सकते हैं और बता सकते हैं कि झूठ बोलना कितना गलत है.
बच्चों को बचपन में कहानियां गढ़ने की बहुत आदत होती है जिसे माता-पिता झूठ का नाम दे देते हैं. बच्चे को बताएं कि उसकी गढ़ी कहानी अच्छी है जिससे वह बातें बनाने और झूठ बोलने में फर्क करना सीख पाए और अपनी कल्पना को सच की तरह हर किसी को ना बताए बल्कि उसे कहानीमात्र समझे.
बच्चा अगर झूठ बोलना नहीं छोड़ रहा है तो उसे बताएं कि जब उसे झूठ का परिणाम भी झेलना होगा. आप उससे एक्सट्रा होमवर्क, घर का काम, खेल पर प्रतिबंध और खिलौने ना दिलाने जैसी सजा दे सकते हैं. इससे बच्चे को पता होगा कि झूठ कहने पर उसे परिणाम भुगतना पड़ेगा.
आप बच्चे को समझाने की कोशिश करें कि उसके झूठ के कितने बुरे परिणाम (Result) निकल सकते हैं. साथ ही, अपने रवैये को बहुत ज्यादा सख्त ना रखें जब आप बच्चे की कोई गलती पकड़ते हैं. बच्चे के मन में बैठा डर उससे झूठ बुलवा सकता है. इसलिए आपको खुद भी समझदारी दिखानी होगी और बच्चे को भी प्यार से समझाना होगा.
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