भारत में सोना केवल एक धातु नहीं है, ये पारंपरिक पहचान भी है, शादी ब्याह और कई पूजा-पाठ में सोने के गहने को पहनना शुभ माना जाता है. इसलिए भारत में सोने की मांग कभी कम नहीं होती है. सोने कीमत भले ही काफी ज्यादा हो लेकिन सोना पहनने के कई फायदे होते हैं. आपने ये भी देखा होगा कि सोना कभी काला नहीं होता, सालों-साल ये चलता है, आखिर ऐसा क्या होता है सोने में गुण जिसकी वजह से सोना कभी काला नहीं होता है. चलिए जानते हैं इसके पीछे का कारण.वहीं चांदी में आप देखेंगे कि ये काला हो जाता है.
इस कारण से नहीं होता सोना का काला
सोने के गहनों का चांदी की तरह काला न पड़ना मुख्य रूप से उनके रासायनिक गुणों (Chemical Properties) के कारण होता है. सोना एक 'नोबल धातु' (Noble Metal) है, जिसका मतलब है कि यह बहुत कम प्रतिक्रियाशील (Least Reactive) होता है.चांदी हवा में मौजूद सल्फर कंपाउंड (Sulfur compounds) के साथ आसानी से रिएक्शन करके सिल्वर सल्फाइड नाम की एक काली परत बना लेती है, जिसे हम काला पड़ना (Tarnish) कहते हैं. वहीं प्योर सोना (24 कैरेट) ऑक्सीजन या अधिकांश अन्य तत्वों के साथ आसानी से रासायनिक रिएक्शन नहीं करता. इस उच्च स्थिरता के कारण, यह काला नहीं पड़ता और अपनी चमक बनाए रखता है.
चांदी और सोने में कैमिकल रिएक्शन
सोने के न्यूक्लियर का बाहरी इलेक्ट्रॉन फॉरमेशन ज्यादा स्थिर होता है, जिसका मतलब है कि यह अन्य तत्वों के साथ रासायनिक बंधन (Chemical Bonds) बनाने के लिए अपने इलेक्ट्रॉनों को आसानी से नहीं छोड़ता. यह इसे संक्षारण (Corrosion) और काला पड़ने से बचाता है.
सोने के गहनों में सोने का प्रतिशत काफी अधिक होता है, (जैसे 22K) जो मिक्स धातु में मौजूद अन्य धातुओं को काला पड़ने से बचाता है या उस प्रक्रिया को धीमा कर देता है. कम कैरेट वाले सोने (जैसे 10K) में, अन्य धातुओं का प्रतिशत अधिक होती है, और ये धातुएं (जैसे तांबा या चांदी) कुछ हद तक ऑक्सीकृत हो सकती हैं. इसका प्लेट काफी पतला होता है और वक्त के साथ इसकी चमक कम पड़ जाती है.
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