Bermuda Triangle: दुनिया में कई ऐसी रहस्यमयी चीजें हैं, जिनके बारे में सुनते ही रौंगटे खड़े हो जाते हैं. बरमूडा ट्रायंगल का नाम भी इसमें शामिल है. इस रहस्यमयी जगह को लेकर कई तरह की बातें होती हैं, आज तक इस बात का खुलासा नहीं हो पाया कि आखिर यहां से गुजरने वाले जहाज और हवा में उड़ने वाले प्लेन कैसे गायब हो जाते हैं. इस जगह से गायब होने वाली चीजों का कोई नामो निशान नहीं मिलता है. अब यही बरमूडा ट्रायंगल एक बार फिर चर्चा में है. इसे लेकर वैज्ञानिकों ने एक बड़ा खुलासा किया है, जिसके बाद बताया जा रहा है कि जल्द ही इस जगह के राज से पर्दा उठ सकता है. आइए जानते हैं कि क्या है ये बरमूडा ट्रायंगल और यहां से चीजें गायब कैसे हो जाती हैं.
क्या हुआ खुलासा?
बरमूडा ट्रायंगल को लेकर हुए ताजे खुलासे की बात करें तो इस जियोलॉजिकल खुलासे में बताया गया है कि इस आइलैंड के नीचे करीब 20 किमी मोटी एक अजीब सी चट्टान की परत है. आमतौर पर ज्वालामुखी बंद होने के बाद आइलैंड धंस जाते हैं, लेकिन इस परत के चलते यहां ऐसा नहीं हुआ. वैज्ञानिकों का कहना है कि बरमूडा आइलैंड का ज्वालामुखी करीब 3 करोड़ साल पहले ही निष्क्रिय हो चुका था.
क्या है बरमूडा ट्रायंगल?
बरमूडा ट्रायंगल एक ऐसी जगह है, जिसे समुद्री जहाजों का कब्रगाह भी कहा जाता है. पूर्वी इंग्लैंड में केंट शहर के करीब गुडविन सैंड्स में ये रहस्यमयी जगह है. ये समंदर का एक किनारा है, जहां पर दलदली रेत नजर आती है. ये पूरा क्षेत्र करीब 10 मील में फैला हुआ है और इसके आसपास कोई भी जहाज नहीं जाता है, क्योंकि ये इंग्लिश चैनल का सबसे खतरनाक हिस्सा है.
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कैसे पड़ा नाम?
अमेरिका के फ्लोरिडा, प्यूर्टो रिको और बरमूडा के बीच ये पूरा इलाका है, जो इन तीनों देशों के बीच एक त्रिकोण यानी ट्रायंगल बनाता है. यही वजह है कि इसे बरमूडा ट्रायंगल कहा जाता है. पहली बार इस नाम का इस्तेमाल 1964 में किया गया, ARGOSY नाम की एक मैगजीन में बरमूडा ट्रायंगल का नाम लिखा गया था, जिसमें बताया गया था कि इस समुद्री इलाके में कुछ तो ऐसा है, जो विमानों और जहाजों को निगल जाता है.
पांच विमान एक साथ हुए थे गायब
1945 में यूएस नेवी के पांच विमान एक ट्रेनिंग मिशन पर निकले थे, लेकिन फ्लोरिडा से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद पायलट मैसेज भेजते हैं कि उनके कंपास काम नहीं कर रहे हैं. सभी पायलट रास्ता भटकने लगे और मौसम बिगड़ने लगा. इसके बाद ये पांचों प्लेन हमेशा के लिए गायब हो गए. जब इन विमानों की तलाश के लिए एक दूसरा विमान भेजा गया तो वो भी गायब हो गया. उसमें सवार करीब 13 लोगों का आज तक कुछ पता नहीं लग पाया है. ये सभी प्लेन इसी बरमूडा ट्रायंगल के ठीक ऊपर उड़ान भर रहे थे.
क्यों लापता हो जाते हैं विमान?
बरमूडा ट्रायंगल से विमानों और जहाजों के लापता होने के पीछे कई तरह की थ्योरी चलती हैं. कहा जाता है कि मैग्नेटेक नॉर्थ पोल के चलते ऐसा होता है, जहां से किसी भी दिशा का पता लगाना काफी मुश्किल होता है. साथ ही बरमूडा ट्रायंगल का इलाका काफी उथला है, यानी यहां गहरा समंदर नहीं है. कहा जाता है कि इसी उथलेपन की वजह से जहाज यहां अटक जाते थे. हवा में उड़ने वाले विमानों के लापता होने के पीछे बवंडर और भयंकर तूफान को वजह बताया जाता है. एक थ्योरी मीथेन को लेकर भी है, जिसमें कहा जाता है कि इस इलाके में मीथेन की मात्रा काफी ज्यादा है, जिससे जहाज पानी में तैर नहीं पाते हैं और वो डूबने लगते हैं.
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