Sanchar Saathi App: भारत में संचार साथी मोबाइल ऐप को लेकर बवाल चल रहा है, विपक्ष ने आरोप लगाया है कि इस ऐप के जरिए सरकार लोगों पर निगरानी रखने की कोशिश कर रही है. पहले बताया गया कि इस ऐप को फोन से डिलीट नहीं किया जा सकता है, लेकिन इसके बाद केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरफ से बताया गया कि लोग अपनी मर्जी से इसका इस्तेमाल कर सकते हैं और इसे डिलीट भी किया जा सकता है. फिलहाल संचार साथी को लेकर सोशल मीडिया से लेकर संसद तक बहस जारी है. भारत की तरह रूस ने भी कुछ महीने पहले एक ऐसा ही ऐप तैयार किया था, जिसे सभी लोगों के मोबाइल में इंस्टॉल करना अनिवार्य रखा गया. आइए जानते हैं कि रूस का ये ऐप क्या काम करता है और इसे क्यों जरूरी किया गया.
क्या है संचार साथी?
सरकार के दूरसंचार विभाग की तरफ से मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनियों को एक आदेश जारी किया. इसमें कहा गया था कि सभी मोबाइल फोन में संचार साथी ऐप को इंस्टॉल किया जाए. इसके लिए 90 दिनों की डेडलाइन दी गई. पहले से तैयार हो चुके ऐप्स में सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए इस ऐप को डालने की बात कही गई. यानी सभी नए फोन में पहले से ही ये ऐप इंस्टॉल रहेगा.
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क्या काम करेगा संचार साथी ऐप?
- सरकार का कहना है कि इसे साइबर फ्रॉड से निपटने के लिए बनाया गया है.
- इससे संदिग्ध फोन कॉल या फिर स्पैम की रिपोर्ट भी की जा सकती है.
- मोबाइल इस्तेमाल करने वाले शख्स के नाम पर कितने कनेक्शन हैं, इसका भी पता चलेगा.
- फोन चोरी होने या फिर खोने पर इसकी रिपोर्ट भी इस ऐप के जरिए की जा सकती है.
- इससे नया या सेकेंड-हैंड फोन खरीदने से पहले उसका IMEI नंबर वेरीफाई कर सकते हैं, जिससे नकली या रिफर्बिश्ड फोन मिलने के चांस कम हो जाएंगे.
रूस में कौन सा ऐप?
भारत से पहले रूस इसी तरह का आदेश जारी करने वाला देश था. कुछ महीने पहले रूस में भी एक मोबाइल ऐप को हर मोबाइल में इंस्टॉल करने का आदेश जारी किया गया था. रूस में बिकने वाले सभी फोन और टैबलेट में सरकार का MAX मैसेंजर ऐप पहले से इंस्टॉल होना जरूरी है. इस ऐप की पहुंच लोगों के कैमरा और माइक्रोफोन तक है. यही वजह है कि रूस में भी इसे लेकर कई तरह के सवाल उठे थे और लोगों ने इसका विरोध भी किया था. रूस के अलावा चीन और नॉर्थ कोरिया में भी लोग बाहरी एप्लीकेशन का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं, यहां सोशल मीडिया और इंटरनेट का पूरा कंट्रोल सरकार के हाथ में होता है.
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