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Baby on Board: कार के पीछे आपने भी देखा होगा! अब डिटेल में जान लीजिए इसका मतलब

कभी न कभी किसी कार के पीछे लगे छोटे-से पीले बोर्ड पर भी आपकी नजर जरूर पड़ी होगी, जिस पर लिखा होता है-'Baby on Board'. ज्‍यादातर लोग इसे एक सजावटी स्टिकर समझकर नजरअंदाज कर देते हैं. लेकिन इसका मतलब और इसका इतिहास दोनों ही दिलचस्प है.

Baby on Board: कार के पीछे आपने भी देखा होगा! अब डिटेल में जान लीजिए इसका मतलब

Baby on Board in Car, Idea, Concept and Meaning: घर-ऑफिस के बीच अपनी कार-बाइक से सफर करते या फिर सड़क पर चलते हुए हमारी-आपकी नजर कुछ ऐसी चीजों पर पड़ती है, जो हमारे मन में कौतूहल पैदा करती है. हम अक्‍सर उन्‍हें देखते तो हैं, लेकिन या तो इग्नोर करते हुए या फिर काम की धुन में आगे निकल जाते हैं. हालांकि मन में सवाल तो रह ही जाता है. ऐसे ही कभी न कभी किसी कार के पीछे लगे छोटे-से पीले बोर्ड पर भी आपकी नजर जरूर पड़ी होगी, जिस पर लिखा होता है-'Baby on Board'. ज्‍यादातर लोग इसे एक सजावटी स्टिकर समझकर नजरअंदाज कर देते हैं. लेकिन इसका मतलब और इसका इतिहास दोनों ही दिलचस्प है.

आखिर क्यों लगाते हैं लोग?

इस बोर्ड का सीधा-सा मतलब होता है कि उस कार में एक छोटा बच्चा सफर कर रहा है. इसका मकसद होता है- पीछे चल रहे ड्राइवरों को याद दिलाना कि 'जरा संभलकर चलाओ, यहां बच्चा है.' ऐसा इसिलए, क्‍योंकि कई बार ऐसी गाड़ियां अचानक धीमी हो सकती हैं या बार-बार ब्रेक मार सकती हैं. ऐसे में अगर सामने लिखा है- Baby on Board, तो पीछे गाड़ी चला रहा व्‍यक्ति समझ जाता है कि कार में बच्चा होने की वजह से आगे वाला ज्यादा सावधानी बरत रहा है. और फिर वो भी सावधानी बरतता है. 

कहां से आया ये कॉन्‍सेप्‍ट?

ये कहानी शुरू हुई अमेरिका से. साल 1984 में माइकल लर्नर (Michael Lerner) अपने छोटे भतीजे के साथ ड्राइव कर रहे थे. ट्रैफिक में उन्‍हें काफी परेशानी झेलनी पड़ी, जिसने उन्हें सोचने पर मजबूर किया कि बच्चों वाली कारों को पहचानने का कोई तरीका होना चाहिए. इसी दौरान Patricia और Helen Bradley नाम की बहनों ने यूरोप में ऐसे संकेत देखे थे. लर्नर ने इसे बिजनेस आइडिया में बदल दिया और 'Safety 1st' नाम की कंपनी बनाई. फिर इस बोर्ड ने इतनी तेजी से लोकप्रियता हासिल की कि शुरुआती दिनों में ही हर महीने 10,000 से ज्यादा बोर्ड बिकने लगे.

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दुनिया भर में क्यों छा गया?

1985 के बाद यह बोर्ड सिर्फ अमेरिका ही नहीं, बल्कि ब्रिटेन, यूरोप और जापान तक पहुंच गया. इसके बाद तो अलग-अलग मजेदार वेरिएंट भी आ गए. जैसे-'Princess on Board', 'Child in Car', 'Twins on Board' वगैरह. धीरे-धीरे ये एक ग्‍लोबल सेफ्टी मॉडल बन गया.

कन्‍फ्यूज रहते हैं कुछ लोग 

अक्सर लोग सोचते हैं कि अगर एक्सीडेंट हो जाए तो रेस्क्यू टीम 'Baby on Board' देखकर पहले बच्चे को बचाएगी. लेकिन हकीकत यह है कि इस बोर्ड का मकसद सिर्फ और सिर्फ ट्रैफिक सुरक्षा है. यानी यह दूसरों को सचेत करने का एक तरीका है, न कि इमरजेंसी सर्विस के लिए संकेत.

तो अगली बार जब आप सड़क पर 'Baby on Board' का बोर्ड देखें, तो समझ जाइए कि ये कोई स्टिकर या बोर्ड भर नहीं है, बल्कि ये उस गाड़ी के ऑनर का छोटा-सा संदेश है कि सावधानी से चलाइए, क्‍योंकि मेरे साथ एक मासूम सफर कर रहा है.

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