
दिवाली के त्योहार की धूम अभी से नजर आने लगी है. दिल्ली और एनसीआर के लोग भी इस दिवाली पर पटाखे फोड़ पाएंगे, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन पटाखे चलाने की इजाजत दे दी है. इस दिन तमाम हिंदू परिवार अपने घरों में दीपक जलाते हैं और देर रात तक ये जश्न मनाया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत के एक राज्य में दिवाली का त्योहार वैसा नहीं मनाया जाता है, जैसा बाकी देश में इसे मनाते हैं. आइए जानते हैं कि ये राज्य कौन सा है और यहां दिवाली का त्योहार क्यों नहीं मनाया जाता है.
इस राज्य में नहीं मनाई जाती दिवाली
दरअसल केरल वो राज्य है, जहां दिवाली के त्योहार पर वैसी धूम नजर नहीं आती है, जैसी बाकी राज्यों में देखने के लिए मिलती है. यहां कुछ बड़े शहरों को छोड़ दिया जाए तो बाकी जगहों पर दिवाली का जश्न ज्यादा नहीं मनाया जाता है. इसके पीछे कई तरह के तर्क दिए जाते हैं. कुछ लोगों का मानना है कि केरल में हिंदू आबादी कम है, इसीलिए यहां दिवाली का त्योहार नहीं मनाया जाता है. हालांकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. यहां आधी से ज्यादा आबादी हिंदू है.
दिवाली का त्योहार नहीं मनाने के पीछे कई सांस्कृतिक तर्क भी दिए जाते हैं. कुछ लोगों का कहना है कि उनके राजा महाबली की इसी दिन मृत्यु हो गई थी, इसलिए ये त्योहार नहीं मनाया जाता है. वहीं कुछ लोग इस दिन घर में पूजा कर लेते हैं और शांति से ये त्योहार मनाते हैं.
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धूमधाम से मनाए जाते हैं ये त्योहार
केरल में भले ही दिवाली का त्योहार कम मनाया जाता हो, लेकिन यहां के लोग ओणम का जश्न खूब मनाते हैं. यहां लोग भगवान विष्णु को काफी ज्यादा मानते हैं, यही वजह है कि ओणम के दिन पूरे केरल का नजारा देखते ही बनता है. इसके अलावा यहां ईद और क्रिसमस भी काफी अच्छी तरह से मनाया जाता है.
केरल के अलावा साउथ के कुछ और इलाकों में भी दिवाली का त्योहार धूमधाम से नहीं मनाया जाता है. इसमें तमिलनाडु के कुछ हिस्से भी शामिल हैं. यहां के लोग नर्क चतुर्दशी का त्योहार मनाते हैं. इसके अलावा उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में भी कुछ गांवों में दिवाली नहीं मनाई जाती है.
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