रांची: झारखंड सरकार ने शुक्रवार को अपने कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता चार फीसदी बढ़ाकर मूल वेतन का 46 प्रतिशत कर दिया. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि यह फैसला रांची में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया.
झारखंड के वित्त विभाग के प्रमुख सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा, 'राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता 42 फीसदी से बढ़ाकर 46 फीसदी कर दिया गया है. महंगाई भत्ते (डीए) में बढ़ोतरी एक जुलाई 2023 से लागू होगी.' यह कदम केंद्र सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों का डीए चार प्रतिशत बढ़ाकर 46 फीसदी किए जाने के निर्णय के ठीक बाद उठाया गया है.
सिंह ने बताया कि पेंशन भोगियों के लिए भी महंगाई राहत (डीआर) बढ़ाकर 46 फीसदी कर दी गई है और यह फैसला एक जुलाई 2023 से लागू होगा. बढ़ती महंगाई से निपटने के लिए कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को क्रमशः डीए और डीआर साल में दो बार दिया जाता है.
मंत्रिमंडल ने 1,485 करोड़ रुपये की विद्युतीकरण योजना और दुमका में प्रस्तावित पायलट प्रशिक्षण अकादमी में 15 नौसिखिया पायलट के लिए मुफ्त प्रशिक्षण को भी मंजूरी दे दी. सिंह ने बताया, 'एक नयी योजना, मुख्यमंत्री उज्ज्वल झारखंड योजना को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है और इसके लिए 1,485.39 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. योजना के तहत, गैर-विद्युतीकृत ग्रामीण बस्तियों और घरों तथा बचे हुए शहरी क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा.'
उन्होंने बताया कि सरकार ने दुमका में प्रस्तावित पायलट प्रशिक्षण अकादमी में 15 प्रशिक्षु पायलट को मुफ्त प्रशिक्षण देने का भी निर्णय लिया है. सिंह ने कहा, 'परीक्षण के माध्यम से कुल 30 प्रशिक्षु पायलट का चयन किया जाएगा. इन 30 प्रशिक्षु पायलट में से 15 को 100 फीसदी छात्रवृत्ति नीति के तहत चुना जाएगा और उन्हें मुफ्त प्रशिक्षण मिलेगा.'
उन्होंने बताया कि इन 15 पायलट के प्रशिक्षण के लिए सरकारी खजाने पर लगभग 9.10 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. सिंह के मुताबिक, 'प्रशिक्षण दो चरणों में दिया जाएगा. एक का संचालन दुमका में किया जाएगा, जबकि दूसरा झारखंड के बाहर होगा, क्योंकि एयरबस पायलट प्रशिक्षण की सुविधा केवल गुरुग्राम और नोएडा में उपलब्ध है.'
मंत्रिमंडल ने राजधानी रांची में 1.25 किलोमीटर लंबे फ्लाईओवर के निर्माण को भी मंजूरी दे दी, जो बहु बाजार को पटेल चौक से जोड़ेगा और जिसे बनाने में लगभग 213 करोड़ रुपये की लागत आएगी. मंत्रिमंडल ने धनबाद जिले में एसएसएलएनटी महिला कॉलेज में विज्ञान ब्लॉक के निर्माण के लिए 37.47 करोड़ रुपये के आवंटन को भी स्वीकृति दे दी. उसने राज्य के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) का सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड में संचालन करने के लिए कई संशोधनों को भी मंजूरी प्रदान की.
सिंह ने कहा, 'इससे पहले, आईटीआई को पीपीपी मोड पर चलाने के लिए निविदाएं जारी की गई थीं, लेकिन बहुत कम बोली लगाने वाले आए. कारणों की समीक्षा के बाद कई संशोधन किए गए हैं. अब एक निजी एजेंसी दो के बजाय तीन आईटीआई का संचालन कर सकती है. इसी तरह, पहले आईटीआई को 10 साल के लिए देने का प्रस्ताव था और अब एक बार में पांच साल का विस्तार दिया जा सकता है.'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं