झारखंड में एक फिर से सियासी उथल-पुथल देखने को मिल रही है. अवैध खनन मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने गुरुवार को पूछताछ के लिए बुलाया है. इससे पहले सोरेन ने रांची में यूपीए विधायकों की बैठक बुलाई और सभी विधायकों को रांची में ही रहने के निर्देश दिए गए. CM हेमंत सोरेन ने विधायकों से कहा, 'आपको तय करना है कि इस राज्य में षड्यंत्रकारियों का राज चलेगा या यहां के आदिवासियों का. हमें सत्ता से बेदखल करने के लिए ये लोग लगे हुए हैं, इन्हें पता है कि अगर मैं 5 साल यहां टिक गया, तो आदिवासियों को मजबूत कर दूंगा. जो लोग बाहर से आकर यहां राजनीति करते हैं उन्हें बाहर कर दूंगा.'
मुख्यमंत्री ने आगे लोगों से राज्य के विकास को अपने हाथ में लेने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, "आज हमें एक और लड़ाई लड़नी है. हमें राज्य के विकास को अपने हाथों में लेना है. एक मजबूत राजनीतिक व्यवस्था स्थापित करनी है." बता दें कि हेमंत सोरेन को शुरू में 3 नवंबर को संघीय जांच एजेंसी ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन उन्होंने आधिकारिक व्यस्तताओं का हवाला देते हुए पेशी से छूट देने की अपील की थी. इसके बाद उन्होंने समन के लिए 3 सप्ताह की मोहलत मांगी.
एजेंसी ने अवैध खनन मामले में सोरेन के राजनीतिक सहयोगी पंकज मिश्रा और दो अन्य स्थानीय बाहुबली बच्चू यादव और प्रेम प्रकाश को भी गिरफ्तार किया है. अब 17 नवंबर को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेने को ईडी के समक्ष पेश होना है. खबर है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से ईडी की पूछताछ के दौरान दिल्ली के ईडी मुख्यालय से एक जॉइंट डायरेक्टर स्तर के अधिकारी मौजूद रहेंगे. यह अधिकारी इस पूरी पूछताछ की देख रेख करेंगे. ईडी ने कहा कि राज्य में अब तक 1000 करोड़ रुपये के अवैध खनन से संबंधित अपराध की "पहचान" की गई है.
इस बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा ने विरोध मार्च और कई रैलियों का आयोजन किया है. ईडी ने झारखंड के पुलिस महानिदेशक को खत लिखकर ईडी दफ्तर के बाहर उचित सुरक्षा व्यवस्था और कानून व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है.
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