MS Dhoni जब तय में होते हैं, तो अच्छे से अच्छे गेंदबाजों को भी स्टैंड में पहुंचा देते हैं...
नई दिल्ली:
जब से एमएस धोनी ने मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में करिश्माई पारी खेली है, तभी से उनकी प्रशंसा का दौर जारी है. जिस प्रकार से सचिन तेंदुलकर के साथ खेलने के बाद खिलाड़ी खुद को गौरवान्वित महसूस करते थे, वैसा ही धोनी के साथ भी है. जहां कुछ क्रिकटरों को उनके साथ खेलने का मौका मिल चुका है, वहीं कुछ ऐसे क्रिकेटर भी हैं, जो धोनी से मिलने या उनके साथ खेलने को उत्सुक हैं, लेकिन मौका हाथ नहीं लग रहा. राइजिंग पुणे सुपरजायंट और मुंबई इंडियन्स के बीच आईपीएल के इस सीजन के प्लेऑफ दौर में मंगलवार को एक ऐसे ही भारतीय खिलाड़ी का सपना सच हो गया और वह फूला नहीं समा रहा है...
हम जिस क्रिकेटर की बात कर रहे हैं, उसे टीम इंडिया के सफलतम कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के साथ खेलने का मौका तो मिला था, लेकिन इस खिलाड़ी की इच्छा या यूं कहें कि सपना कुछ और ही था, जो मंगलवार को मुंबई में पूरा हुआ... हम जिस क्रिकेटर की बात कर रहे हैं, वह हैं पुणे के बल्लेबाज मनोज तिवारी. पारी के बाद मनोज के चेहरे से खुशी साफ झलक रही थी और वह केवल धोनी के ही गुण गा रहे थे. ऐसा लग रहा था, जैसे उन्हें न जाने क्या हासिल हो गया है.
नॉन स्ट्राइकिंग एंड पर होने का मजा...
वास्तव में मनोज तिवारी का सपना था कि वह एमएस धोनी के साथ बल्लेबाजी करें. ऐसा ही कुछ सचिन तेंदुलकर के साथ भी था. उनके साथी खिलाड़ी भी उनके साथ बल्लेबाजी करना चाहते थे, ताकि नॉन स्ट्राइकिंग एंड से सचिन को शॉट खेलते हुए देख सकें. मनोज तिवारी ने अपने इस सपने के बारे में पुणे की पारी समाप्त होने के बाद कमेंटेटर से बातचीत के दौरान बताया.
मनोज तिवारी ने कहा कि धोनी के साथ बैटिंग से उनका सपना सच हो गया. वह धोनी के साथ लंबे समय से बैटिंग करना चाहते थे, लेकिन उनको मौका नहीं मिल पा रहा था. तिवारी धोनी की पावरफुल हिटिंग के कायल हैं और वह धोनी को ऐसा करते हुए सामने से देखना चाहते थे. धोनी ने भी उनको निराश नहीं किया और ऐसी हिट लगाई कि उनको खत्म मान चुके लोग भी कायल हो गए हैं.
मुश्किल गेंदों पर छक्के लगाते देखना...
धोनी के साथ बल्लेबाजी का मौका मिलने से रोमांचित नजर आ रहे मनोज तिवारी ने कहा, 'मेरे लिए यह एक सपने के सच होने जैसा है. इससे पहले मैं भारतीय टीम का भी हिस्सा रह चुका हूं, लेकिन उनके साथ बल्लेबाजी का मौका मुझे नहीं मिल पाया था. आज का दिन मेरे लिए यादगार है. दूसरे छोर से उनको छक्के लगाते हुए देखना गर्व की बात है.'
मनोज तिवारी ने कहा, 'उन्होंने (धोनी) दिखाया कि कैसे पावर के साथ तकनीक और चीजों को अपने अनुरूप बना लेने का तरीका मददगार साबित होता है.' उन्होंने यह भी कहा कि मुंबई का विकेट जिस तरह का था, उसमें बुमराह जैसे गेंदबाजों को छक्के लगाना आसान काम नहीं था और यह केवल धोनी ही कर सकते थे. धोनी के साथ बैटिंग करके मनोज गदगद नजर आए और पारी के बाद उनकी खुशी स्पष्ट देखी जा सकती थी.
गौरतलब है कि एमएस धोनी ने मिचेल मैक्लेनेघन और जसप्रीत बुमराह जैसे धुरंधर तेज गेंदबाजों को छक्के जड़े और अंतिम दो ओवरों में मनोज तिवारी के साथ 41 रन बना डाले. इनमें से खुद धोनी ने 26 रन ठोके, जिनमें चार छक्के शामिल रहे. मनोज तिवारी 48 गेंदों में 58 रन बनाकर पारी की अंतिम गेंद पर आउट हुए, जबकि धोनी नाबाद लौटे.
हम जिस क्रिकेटर की बात कर रहे हैं, उसे टीम इंडिया के सफलतम कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के साथ खेलने का मौका तो मिला था, लेकिन इस खिलाड़ी की इच्छा या यूं कहें कि सपना कुछ और ही था, जो मंगलवार को मुंबई में पूरा हुआ... हम जिस क्रिकेटर की बात कर रहे हैं, वह हैं पुणे के बल्लेबाज मनोज तिवारी. पारी के बाद मनोज के चेहरे से खुशी साफ झलक रही थी और वह केवल धोनी के ही गुण गा रहे थे. ऐसा लग रहा था, जैसे उन्हें न जाने क्या हासिल हो गया है.
नॉन स्ट्राइकिंग एंड पर होने का मजा...
वास्तव में मनोज तिवारी का सपना था कि वह एमएस धोनी के साथ बल्लेबाजी करें. ऐसा ही कुछ सचिन तेंदुलकर के साथ भी था. उनके साथी खिलाड़ी भी उनके साथ बल्लेबाजी करना चाहते थे, ताकि नॉन स्ट्राइकिंग एंड से सचिन को शॉट खेलते हुए देख सकें. मनोज तिवारी ने अपने इस सपने के बारे में पुणे की पारी समाप्त होने के बाद कमेंटेटर से बातचीत के दौरान बताया.
मनोज तिवारी ने कहा कि धोनी के साथ बैटिंग से उनका सपना सच हो गया. वह धोनी के साथ लंबे समय से बैटिंग करना चाहते थे, लेकिन उनको मौका नहीं मिल पा रहा था. तिवारी धोनी की पावरफुल हिटिंग के कायल हैं और वह धोनी को ऐसा करते हुए सामने से देखना चाहते थे. धोनी ने भी उनको निराश नहीं किया और ऐसी हिट लगाई कि उनको खत्म मान चुके लोग भी कायल हो गए हैं.
मुश्किल गेंदों पर छक्के लगाते देखना...
धोनी के साथ बल्लेबाजी का मौका मिलने से रोमांचित नजर आ रहे मनोज तिवारी ने कहा, 'मेरे लिए यह एक सपने के सच होने जैसा है. इससे पहले मैं भारतीय टीम का भी हिस्सा रह चुका हूं, लेकिन उनके साथ बल्लेबाजी का मौका मुझे नहीं मिल पाया था. आज का दिन मेरे लिए यादगार है. दूसरे छोर से उनको छक्के लगाते हुए देखना गर्व की बात है.'
मनोज तिवारी ने कहा, 'उन्होंने (धोनी) दिखाया कि कैसे पावर के साथ तकनीक और चीजों को अपने अनुरूप बना लेने का तरीका मददगार साबित होता है.' उन्होंने यह भी कहा कि मुंबई का विकेट जिस तरह का था, उसमें बुमराह जैसे गेंदबाजों को छक्के लगाना आसान काम नहीं था और यह केवल धोनी ही कर सकते थे. धोनी के साथ बैटिंग करके मनोज गदगद नजर आए और पारी के बाद उनकी खुशी स्पष्ट देखी जा सकती थी.
गौरतलब है कि एमएस धोनी ने मिचेल मैक्लेनेघन और जसप्रीत बुमराह जैसे धुरंधर तेज गेंदबाजों को छक्के जड़े और अंतिम दो ओवरों में मनोज तिवारी के साथ 41 रन बना डाले. इनमें से खुद धोनी ने 26 रन ठोके, जिनमें चार छक्के शामिल रहे. मनोज तिवारी 48 गेंदों में 58 रन बनाकर पारी की अंतिम गेंद पर आउट हुए, जबकि धोनी नाबाद लौटे.
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