- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-रूस समिट में आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा करते हुए शांति के पक्ष की बात की
- जापान की प्रधानमंत्री ताकाइची ने चीन के बढ़ते दखल को लेकर सैन्य कार्रवाई की संभावना जताई, जिससे चीन नाराज हुआ
- डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में 'इंडियंस' शब्द के उपयोग पर प्रतिबंध लगाते हुए इसे नस्लीय और अपमानजनक बताया
साल 2025 वैश्विक राजनीति के लिए शब्दों का साल रहा. चुनाव, पदभार और गठबंधन के अलावा कुछ बयान ऐसे रहे, जिन्होंने राजनीति की दशा और दिशा बदल कर रख दी. उन्होंने देशों की नीतियों, अंतरराष्ट्रीय गठबंधनों और क्षेत्रीय संतुलन को बदल दिया. ताकाइची से लेकर ट्रंप, पुतिन और नेतन्याहू तक, ये पांच बयान दुनिया भर में चर्चा और विवाद का केंद्र बने.
पीएम मोदी के आतंकवाद पर दिए बयान ने बटोरी सुर्खियां
हाल ही में व्लादिमीर पुतिन भारत दौरे (4-5 दिसंबर) पर आए. इस दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र ने जो कहा वो सुर्खियों में आ गया. पीएम मोदी ने आतंकवाद पर भारत-रूस समिट में पुतिन के साथ साझा बयान जारी किया, जिसमें "आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा" की गई. द्विपक्षीय संवाद के दौरान पीएम मोदी ने कहा, "मैंने हमेशा कहा है कि भारत न्यूट्रल नहीं है. भारत का पक्ष है और वो पक्ष शांति का है. हम शांति के हर प्रयास का समर्थन करते हैं. शांति के हर प्रयास के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं."

जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री के बयान से नाराज हुआ चीन
नवंबर 7 को जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री ने जो कहा वो चीन को नाराज कर गया. पीएम सानए ताकाइची ने संसद में विपक्ष के सवाल का जवाब देते हुए कह दिया कि अगर उनके देश के अस्तित्व पर खतरा आएगा तो वो सैन्य कार्रवाई करने से नहीं हिचकिचाएंगी. ये उन्होंने वियतनाम पर चीन के बढ़ते दखल को ध्यान में रख कर कहा था.
तभी से बीजिंग आक्रामक रवैया अपनाए हुए है; वह ताकाइची को अपने बयान को वापस लेने को कह रहा है. इस बीच चीनी सागर में दोनों ओर से सैन्य अभ्यास भी किया गया. जापान ने चीन पर अपने फाइटर जेट्स को रडार लॉक करने का आरोप भी लगाया. दोनों की तल्खी चरम पर है.


व्लादिमीर पुतिन ने नोबेल शांति पुरस्कारों को लेकर दिया विवादित बयान
अक्टूबर में दुनिया की एक और अजीम शख्सियत, व्लादिमीर पुतिन, ने नोबेल शांति पुरस्कारों को लेकर एक विवादित बयान दे डाला. उन्होंने कहा, "कोई भी इस पर असहमत नहीं हो सकता कि कभी-कभी कुछ लोगों को शांति के लिए कुछ नहीं करने के बावजूद पुरस्कार मिल जाता है." पुतिन का यह बयान नोबेल शांति पुरस्कार 2025 के लिए वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना मशादो को चुने जाने के दरमियान आया था.


इटली की पीएम जियॉर्जिया मेलोनी का 'दक्षिणपंथ' को लेकर दिया बयान रहा सुर्खियों में
फरवरी 2025 में कंजर्वेटिव पॉलिटिकल एक्शन कॉन्फ्रेंस (सीपीएसी) में इटली की पीएम जियॉर्जिया मेलोनी ने 'दक्षिणपंथ' को लेकर जो कहा, वो सुर्खियों में आ गया. उन्होंने दावा किया कि "वामपंथ दोहरे मापदंड" के साथ आगे बढ़ता है, तो वहीं उनके जैसे कंजर्वेटिव लोग जरूरी आजादी और राष्ट्रीय पहचान की रक्षा कर रहे हैं. इटली के विपक्षी नेताओं ने इस कार्यक्रम को "नव-फासीवादी" का मंच कहा था.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं