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महिलाओं को हर साल मिलेंगे 40 हजार, इस राज्य ने किया लाडली बहनों से भी बंपर स्कीम का ऐलान

इस नई पहल के तहत, सिक्किम भर की लगभग 32 हजार माताओं को 40 हजार रुपए की अनुदान राशि मिलेगी. सरकार इस कार्यक्रम पर 128 करोड़ रुपए खर्च करेगी.

महिलाओं को हर साल मिलेंगे 40 हजार, इस राज्य ने किया लाडली बहनों से भी बंपर स्कीम का ऐलान
सिक्किम में पहला 'आमा सम्मान दिवस' मनाया गया, माताओं को मिलेंगे 40 हजार रुपए.
  • सिक्किम सरकार ने लगभग 32 हजार माताओं को 40 हजार रुपए की अनुदान राशि देने की घोषणा की है
  • अनुदान राशि दो चरणों में दी जाएगी, पहले 20 हजार और बाद में 20 हजार रुपए प्रदान किए जाएंगे
  • आमा सम्मान दिवस माताओं के बलिदान, साहस और राज्य के लिए उनके योगदान को समर्पित है
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गंगटोक:

सिक्किम सरकार ने लगभग 32 हजार माताओं को 40 हजार रुपए की अनुदान राशि देने की घोषणा की है. सिक्किम में रविवार को औपचारिक रूप से पहला 'आमा सम्मान दिवस' मनाया गया. यह दिन माताओं के बलिदान, साहस और राज्य के लिए उनके योगदान के सम्मान में समर्पित है. इस समारोह में मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने महिलाओं के लिए ये बड़ी घोषणा की. यह समारोह रंगपो खेल मैदान में आयोजित किया गया था, जहां प्रदेश भर से माताओं सहित हजारों लोग एकत्रित हुए थी.

दो चरणों में दी जाएगी राशि

इस नई पहल के तहत, सिक्किम भर की लगभग 32 हजार माताओं को 40 हजार रुपए की अनुदान राशि मिलेगी. यह राशि दो चरणों में दी जाएगी. पहले चरण में 20,000 रुपये और बाद में 20,000 रुपये. सरकार इस कार्यक्रम पर 128 करोड़ रुपए खर्च करेगी. मुख्यमंत्री ने आमा सम्मान दिवस शुरू करने के फैसले को व्यक्तिगत और राजनीतिक दोनों ही रूप से महत्वपूर्ण बताया था.

उन्होंने कार्यक्रम में कहा  कि सिक्किम के सामाजिक और राजनीतिक जीवन में, खासकर कठिन समय में माताओं ने हमेशा महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. माताएं क्रांतिकारी साथियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रही हैं. उनके संघर्षों और बलिदानों में उनका योगदान रहा है.  सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) पार्टी का सफर राज्य भर की माताओं के साहस और दृढ़ संकल्प को दर्शाता है.

मुख्यमंत्री के लिए 10 अगस्त का दिन व्यक्तिगत रूप से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह जन उन्मुक्ति दिवस है, जिस दिन उन्हें 'अन्यायपूर्ण कारावास' से रिहा किया गया था. उन्‍होंने उस दौर को याद करते हुए कहा कि जब वह जेल में थे, तो अक्सर माताएं ही उनसे मिलने आती थीं, कभी उन्हें डांटने, कभी सलाह देने और अक्सर उन्हें लड़ते रहने का साहस देने के लिए. उन्होंने कहा कि उनके शब्दों ने मेरे अंदर क्रांतिकारी भावना को जीवित रखा. सीएम ने घोषणा की कि सिक्किम के लोगों की एकता और दृढ़ता का सम्मान करते हुए हर साल जन मुक्ति दिवस और आमा सम्मान दिवस एक साथ मनाया जाएगा.

(भाषा इनपुट के साथ)

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