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हैदराबाद में लेडी डॉक्‍टर ने की आत्‍महत्‍या, अमेरिका का वीजा नहीं मिलने से थी डिप्रेशन में 

मां लक्ष्मी ने कहा, 'वह (रोहिणी) एक प्रतिभाशाली छात्रा थी और उसने 2005 से 2010 के बीच किर्गिस्तान से एमबीबीएस की पढ़ाई की थी. वह पढ़ाई में अव्‍वल थी और उसने अपने भविष्य के लिए बड़े सपने संजोये थे.' 

हैदराबाद में लेडी डॉक्‍टर ने की आत्‍महत्‍या, अमेरिका का वीजा नहीं मिलने से थी डिप्रेशन में 
  • आंध्र प्रदेश के गुंटूर की 38 वर्षीय महिला डॉक्टर ने अमेरिका वीजा न मिलने के कारण आत्महत्या की है.
  • महिला डॉक्टर का शव हैदराबाद स्थित फ्लैट में पाया गया, जहां परिवार ने दरवाजा तोड़कर प्रवेश किया था.
  • पुलिस ने बताया कि महिला ने नींद की गोलियां खाई या इंजेक्शन लगाकर आत्महत्या की आशंका है, जांच जारी है.
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नई दिल्‍ली:

आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले की रहने वाली 38 साल की लेडी डॉक्‍टर ने सिर्फ इसलिए आत्‍महत्‍या कर ली है क्‍योंकि उसे अमेरिका का वीजा नहीं मिल सका था. इस वजह से वह डिप्रेशन में थी और उसने यह कदम उठा लिया. बताया जा रहा है कि डॉक्‍टर ने हैदराबाद स्थित अपने फ्लैट में आत्महत्या कर ली. एक पुलिस अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी. अधिकारी ने बताया कि यह घटना शनिवार को उस वक्त सामने आई जब शहर के दूसरे इलाके में रहने वाले उसके परिवार के सदस्यों ने दरवाजा खटखटाने पर कोई प्रतिक्रिया न मिलने पर दरवाजा तोड़ा और उसे मृत पाया. 

नौकरानी ने फैमिली को दी जानकारी 

पुलिस का कहना था कि मृतका की पहचान रोहिणी के तौर पर की गई है और जब उसने दरवाजा नहीं खोला तो उसकी नौकरानी ने ही उसके परिवार को इसकी सूचना दी. पुलिस के मुताबिक, शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया. अधिकारी ने शुरुआती जांच के आधार पर बताया कि संदेह है कि रोहिणी ने शुक्रवार रात नींद की गोलियां खा ली या खुद को इंजेक्शन लगा लिया. उन्होंने बताया कि मौत का सटीक कारण अभी पता नहीं चल पाया है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है. 

घर से मिला सुसाइड नोट 

अधिकारी ने बताया कि घर से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें लिखा है कि वह डिप्रेशन में थी और इसमें वीजा आवेदन खारिज होने का भी जिक्र है. मृतका की मां लक्ष्मी ने बताया कि उनकी बेटी नौकरी के लिए अमेरिका जाने का बेसब्री से इंतजार कर रही थी, लेकिन वीजा न मिलने के कारण वह अवसादग्रस्त हो गई. लक्ष्मी ने बताया कि रोहिणी हैदराबाद के पद्मा राव नगर में रह रही थी, क्योंकि वहां नजदीक ही लाइब्रेरी थी. उन्होंने बताया कि वह इंटरनल मेडिसिन में विशेषज्ञता हासिल करना चाहती थी. 

मां लक्ष्मी ने कहा, 'वह (रोहिणी) एक प्रतिभाशाली छात्रा थी और उसने 2005 से 2010 के बीच किर्गिस्तान से एमबीबीएस की पढ़ाई की थी. वह पढ़ाई में अव्‍वल थी और उसने अपने भविष्य के लिए बड़े सपने संजोये थे.' 

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