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क्या यूपी समेत अन्य राज्यों में बढ़ेगी SIR की तारीख? चुनाव आयोग गुरुवार को लेगा फैसला

उत्तर प्रदेश में, SP प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि SIR मतदाताओं और BLOs के लिए बड़ी परेशानी साबित हो रहा है. उन्होंने कहा कि 16 करोड़ मतदाताओं का एक महीने में सत्यापन असंभव है.

क्या यूपी समेत अन्य राज्यों में बढ़ेगी SIR की तारीख? चुनाव आयोग गुरुवार को लेगा फैसला
क्या बढ़ेगी SIR की समयसीमा.
  • चुनाव आयोग यूपी और पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में SIR की अंतिम तिथि बढ़ाने पर विचार कर रहा है.
  • केरल में फॉर्म डिजिटाइजेशन लगभग पूरा हो चुका है इसलिए आयोग ने वहां अंतिम तिथि बढ़ाकर 18 दिसंबर कर दी है.
  • विपक्षी दल चुनाव आयोग पर समय सीमा अव्यावहारिक लगने और प्रक्रिया में जल्दबाजी का आरोप लगा रहे हैं.
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चुनाव आयोग (EC) उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में स्पेशल समरी रिवीजन (SIR) की अंतिम तिथि बढ़ाने पर विचार कर रहा है. शीर्ष आयोग सूत्रों के अनुसार, इस पर गुरुवार को आयोग की उच्चस्तरीय बैठक में फैसला लिया जाएगा, जिसमें अब तक की डिजिटाइजेशन प्रगति और फॉर्म जमा होने की स्थिति की समीक्षा होगी. सूत्रों के मुताबिक, पश्चिम बंगाल भी उन राज्यों में शामिल है जहां SIR की तारीख बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है. इससे पहले आयोग केरल की अंतिम तिथि बढ़ाकर 11 दिसंबर से 18 दिसंबर कर चुका है.

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विपक्षी दल चुनाव आयोग पर लगा रहे आरोप

यह कदम ऐसे समय आया है जब कई विपक्षी दलों ने आयोग पर “अव्यावहारिक समय सीमा” लागू करने का आरोप लगाया है, जिससे मतदाताओं और बूथ लेवल अधिकारियों (BLO) पर अत्यधिक दबाव पड़ रहा है. कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, CPI(M) और समाजवादी पार्टी (SP) ने कहा कि आयोग ने ज़मीनी हकीकत को समझे बिना जल्दबाजी में प्रक्रिया आगे बढ़ाई.

कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि EC को “आख़िरकार समझ आया” कि इतनी कम समयावधि में संशोधन पूरा नहीं हो सकता. उन्होंने आयोग से 2003 में अपनाई गई विस्तृत समयसारिणी का पालन करने की अपील की और आरोप लगाया कि SIR पर संसद में चर्चा से बचना दिखाता है कि सरकार “संसद को चलने देना नहीं चाहती.

SIR प्रक्रिया को बताया राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित

TMC ने कहा कि तारीख बढ़ाने का फैसला साबित करता है कि SIR “खराब तरीके से तैयार” किया गया था और बिना पर्याप्त आधार के लागू किया गया. TMC नेता जयप्रकाश मजूमदार ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल में अब तक कम से कम 40 लोगों, जिनमें BLO भी शामिल हैं, की मौत संशोधन कार्य के तनाव के कारण हुई है. उन्होंने इस प्रक्रिया को हड़बड़ी में किया गया और राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित बताया.

उत्तर प्रदेश में, SP प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि SIR मतदाताओं और BLOs के लिए “बड़ी परेशानी” साबित हो रहा है. उन्होंने कहा कि 16 करोड़ मतदाताओं का एक महीने में सत्यापन असंभव है.

केरल में बढ़ी तारीख, क्या यूपी में भी बढ़ेगी?

इस बीच, चुनाव आयोग के नए आंकड़ों के मुताबिक, अंतिम तिथि से एक दिन पहले तक 50.8 करोड़ एन्यूमरेशन फॉर्म डिजिटाइज किए जा चुके हैं, जबकि 23.22 लाख फॉर्म अभी डिजिटाइज होने बाकी हैं. SIR फेज-2 की शुरुआत 4 नवंबर से हुई थी और कुल 50.96 करोड़ फॉर्म वितरित किए गए थे. केरल में अब तक 2.74 करोड़ फॉर्म डिजिटाइज हुए हैं, जो लगभग 98.5% है. इसी वजह से आयोग ने यहां फॉर्म जमा करने की तारीख 18 दिसंबर तक बढ़ाई है. SIR फेज-2 में शामिल 12 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में 27 अक्टूबर तक कुल 50.99 करोड़ मतदाता दर्ज थे.

अंडमान-निकोबार, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश और पुडुचेरी में 100% डिजिटाइजेशन पूरा हो चुका है, जबकि अन्य सभी राज्यों में यह आंकड़ा 99% से ऊपर है-केवल केरल इससे पीछे है. गुरुवार की बैठक के बाद तारीख बढ़ाने पर औपचारिक घोषणा किए जाने की संभावना है.

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