"एकनाथ शिंदे ने मुझसे कहा..." : राज ठाकरे ने बताया कि वह अमित शाह से क्यों मिले?

राज ठाकरे ने कहा कि उन्‍होंने बिना शर्त भाजपा, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना और राकांपा के अजीत पवार गुट के गठबंधन का समर्थन करने का फैसला किया है. 

राज ठाकरे और अमित शाह. (फाइल)

मुंबई :

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) को लेकर महाराष्‍ट्र में सीट-बंटवारे को लेकर जूझ रहे एनडीए को उस समय मजबूती मिली जब राज ठाकरे (Raj Thackeray) ने गठबंधन को "बिना शर्त" अपना समर्थन दिया. महाराष्‍ट्र में लोकसभा चुनाव के पहले चरण में होने वाले मतदान के लिए 10 दिन से भी कम वक्‍त बचा है. ऐसे में राज ठाकरे की घोषणा का महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस (Devendra Fadnavis) ने स्वागत किया है. मंगलवार को गुड़ी पड़वा के अवसर पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ठाकरे ने पिछले महीने गृह मंत्री अमित शाह के साथ अपनी मुलाकात के बारे में भी बताया और दावा किया कि वह देश के पहले व्यक्ति थे जिन्‍होंने कहा था नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनना चाहिए.

भारत में दुनिया की सबसे युवा आबादी की ओर इशारा करते हुए उन्‍होंने कहा कि उन्हें उचित शिक्षा और रोजगार की आवश्यकता होगी और अगर ऐसा नहीं हुआ तो "देश में अराजकता फैल जाएगी". उन्‍होंने इस लोकसभा चुनाव को देश का भविष्य तय करने वाला बताया और कहा कि इस महत्वपूर्ण समय में भारत का नेतृत्व करने के लिए नरेंद्र मोदी सबसे अच्छे व्यक्ति हैं. 

ठाकरे ने कहा कि उन्‍होंने बिना शर्त भाजपा, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना और राकांपा के अजीत पवार गुट के गठबंधन का समर्थन करने का फैसला किया है. 

ठाकरे ने कहा, "मेरी कोई अपेक्षा नहीं है. जब देश में एक मजबूत नेतृत्व की आवश्यकता होगी तो महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना बिना शर्त भाजपा, शिवसेना और एनसीपी का समर्थन करेगी. यह सिर्फ नरेंद्र मोदी के लिए है."

हालांकि यह साफ नहीं है कि एमएनएस लोकसभा चुनावों के लिए कोई उम्मीदवार उतारेगी या नहीं. ठाकरे ने अपने कैडर से इस साल के आखिर में विधानसभा चुनावों के लिए तैयार रहने के लिए कहा है, यह संकेत देते हुए कि वह विधानसभा चुनावों में समर्थन और सीटों की हिस्सेदारी की उम्मीद कर रहे हैं. 

गृह मंत्री से मिलने में क्या गलत था? : राज ठाकरे 

गृह मंत्री अमित शाह के साथ अपनी मुलाकात के बारे में बोलते हुए ठाकरे ने कहा, "मेरे जाने और गृह मंत्री से मिलने में क्या गलत था? राज्य के मुख्यमंत्री ने मुझसे कहा कि हमें एक साथ आना चाहिए. देवेंद्र फड़नवीस ने भी बात की (इस बारे में). यही कारण है कि मैं अमित शाह से मिला."

ठाकरे ने दावा किया कि वह देश के पहले व्यक्ति थे जिन्होंने कहा था कि नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनना चाहिए.  साथ ही उन्‍होंने कहा कि ठाकरे ने कहा कि जरूरत पड़ने पर उन्होंने उनका विरोध भी किया था. 

उन्‍होंने कहा, "2014 के बाद मुझे लगा कि मैंने (नरेंद्र मोदी के) भाषणों में जो सुना था, वह पूरा नहीं हो रहा है. मैंने उनका विरोध किया, लेकिन जब भी उन्होंने कुछ अच्छा किया जैसे अनुच्छेद 370 को हटाना तो मैंने उसका स्वागत किया. मैंने एनआरसी के पक्ष में एक रैली भी आयोजित की थी." 

अपने चचेरे भाई उद्धव ठाकरे और शिवसेना (यूबीटी) के नेता और सांसद संजय राउत पर कटाक्ष करते हुए ठाकरे ने कहा, "मैंने आलोचना इसलिए नहीं की क्योंकि मुझे मुख्यमंत्री पद की पेशकश नहीं की गई थी. वे (उद्धव ठाकरे और राउत) अब उनके (पीएम मोदी) खिलाफ बोल रहे हैं, जब मैं यह (2019 में) कह रहा था तो आपने इस्तीफा क्यों नहीं दिया? अब आप ऐसा क्यों कर रहे हैं क्योंकि आप सत्ता से हटा दिए गए और आपकी पार्टी टूट गई?”

शिंदे और फड़नवीस ने जताया आभार 

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ठाकरे को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया. समाचार एजेंसी पीटीआई ने शिंदे के हवाले से कहा, "मैं उनका दिल से स्वागत करता हूं. पीएम मोदी ने महायुति (जैसा कि गठबंधन को महाराष्ट्र में कहा जाता है) का समर्थन किया है. पीएम मोदी ने देश में विकास किया है और देश को आगे बढ़ाया है."

फड़नवीस ने एक्स पर मराठी में पोस्ट किया, "हार्दिक स्‍वागत! विकसित भारत के सपने को साकार करने, मजबूत महाराष्ट्र के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सक्षम नेतृत्व में विश्वास करते हुए मैं भाजपा, शिवसेना और एनसीपी के गठबंधन का समर्थन करने के लिए मनसे प्रमुख राज ठाकरे जी का बहुत आभारी हूं. आइए हम सभी लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित हों." 

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