
- एनडीए सांसदों की रिपोर्ट में करूर भगदड़ के लिए प्रशासनिक विफलता और गंभीर लापरवाही को जिम्मेदार बताया गया है.
- भगदड़ स्थल छोटा था, जहां तीस हजार से अधिक लोग इकट्ठा हो गए थे, जबकि क्षमता तीन हजार के करीब थी.
- भीड़ में भगदड़ तब मची जब अभिनेता विजय ने बस पर चढ़कर लोगों का अभिवादन किया, जिससे महिलाओं-बच्चों की मौत हुई.
एनडीए सांसदों की रिपोर्ट ने करूर भगदड़ के लिए 'मिसमैनेजमेंट' को जिम्मेदार ठहराया है. एनडीए सांसदों की फैक्ट-फाइंडिंग रिपोर्ट ने करूर भगदड़ के लिए 'पूर्ण प्रशासनिक विफलता' को सीधे जिम्मेदार ठहराया है. इस हादसे में कई लोग मारे गए और दर्जनों घायल हुए. एनडीटीवी को मिली विशेष जानकारी में गंभीर लापरवाही, खराब योजना और उस स्थल पर अराजकता का खुलासा हुआ है, जहां अभिनेता विजय का सार्वजनिक कार्यक्रम त्रासदी में बदल गया.
मैदान छोटा था
सूत्रों के अनुसार, 30,000 से अधिक लोग उस मैदान में इकट्ठा हो गए, जो केवल 2,000–3,000 लोगों को समायोजित कर सकता था. भीड़ सुबह 9 बजे तक आने लगी थी, हालांकि विजय का कार्यक्रम दोपहर 12 बजे था. वे लगभग 7 बजे मौके पर पहुंचे. रिपोर्ट में कहा गया है कि भीड़ में भगदड़ तब मची, जब विजय भीड़ का अभिवादन करने के लिए अपने बस पर चढ़े. इस अराजकता में, महिलाएं और बच्चे कुचले गए, और कई लोग भी गर्मी और भीड़ के कारण बेहोश हो गए.
सबसे दर्दनाक बयान
गवाहों के बयान में उल्लेख है कि विजय ने बस से पानी की बोतलें फेंकी, और कुछ लोग जो उन्हें उठाने के लिए झुके, भीड़ में दब गए. जब सांसदों ने स्थानीय अस्पताल का दौरा किया, तो उन्हें उपचाराधीन 51 लोग मिले. दर्ज किए गए सबसे दर्दनाक बयान में से एक पिता का है, जिसने इस त्रासदी में अपनी 12 और 8 साल की दो छोटी बेटियों को खो दिया. रिपोर्ट आगे बताती है कि कुछ पीड़ित जमीन के पास खुले नालियों में गिर गए और बाद में मृत पाए गए.
प्रशासन की भूमिका
मिसमैनेजमेंट में इजाफा करते हुए, जैसे ही भगदड़ मची, लाइटें चली गईं और बैकअप जनरेटर भी फेल हो गया, जिससे भीड़ में घबराहट और बढ़ गई. सांसदों के निष्कर्षों के अनुसार, ज़िलाधिकारी ने आने वाली टीम से मिलने से मना कर दिया, और प्रशासन ने स्पष्ट सुरक्षा उल्लंघनों के बावजूद स्थल को मंजूरी दे दी थी. रिपोर्ट में यह भी दर्ज है कि अभिनेता विजय घटना के तुरंत बाद ही स्थल छोड़कर चले गए.
सांसदों ने जिल के अधिकारियों को भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा चूक और अनुमति प्रक्रियाओं पर स्पष्टीकरण मांगते हुए एक विस्तृत प्रश्नावली भेजी है. एनडीए सांसदों की टीम ने लापरवाही के लिए जिम्मेदार पाए गए अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. निष्कर्ष इस रिपोर्ट का ये है कि 'यह एक रोकने योग्य त्रासदी थी, पूरी तरह से प्रशासनिक विफलता का परिणाम.'
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