कांग्रेस ने गांधी परिवार द्वारा नेहरू नाम का उपयोग नहीं करने पर की गई टिप्पणी पर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा. उन्होंने पूछा कि भारत में कौन अपने नाना के सरनेम का उपयोग करता है? उन्होंने कहा कि उन्हें भारतीय संस्कृति की बुनियादी समझ नहीं है. एआईसीसी के महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने पीएम मोदी के राज्यसभा में भाषण के एक दिन बाद संवाददाताओं से कहा, "केवल भगवान ही देश को बचा सकता है."
सुरजेवाला ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की उपस्थिति में पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "जो इतने जिम्मेदार पद पर बैठे हैं वे भारत की संस्कृति को न जानते हैं न समझते हैं... ऐसा बोलेंगे... आप देश के किसी भी व्यक्ति से पूछ सकते हैं कि नाना का सरनेम कौन लगाता है?"
सुरजेवाला ने कहा, "अगर उन्हें भारत की संस्कृति की इतनी बुनियादी समझ भी नहीं है, तो इस देश को भगवान ही बचा सकता है." सुरजेवाला ने राष्ट्र निर्माण में जवाहरलाल नेहरू के प्रयासों की अनदेखी के लिए सरकार की आलोचना की.
गुरुवार को राज्यसभा में अपने भाषण में, प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधा था. पीएम मोदी ने गांधी परिवार के सदस्यों पर सीधा हमला बोलते हुए पूछा था कि उन्हें नेहरू उपनाम का इस्तेमाल करने में शर्म क्यों आती है. मोदी ने सहकारी संघवाद के मुद्दे पर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्रियों जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकारों ने कई क्षेत्रीय दलों के प्रतिनिधित्व वाली राज्य सरकारों को गिराने के लिए संविधान के अनुच्छेद 356 का कम से कम 90 बार इस्तेमाल किया.
मोदी ने आरोप लगाया था कि इंदिरा गांधी ने अकेले अनुच्छेद 356 का इस्तेमाल राज्यों में क्षेत्रीय दलों की सरकारों को गिराने के लिए 50 बार किया. उन्होंने द्रमुक, तेदेपा और वाम दलों तथा शरद पवार की राकांपा जैसे दलों पर कांग्रेस के साथ गठबंधन करने पर भी सवाल उठाया था और उन्हें याद दिलाया था कि देश की सबसे पुरानी पार्टी ने अतीत में उनकी भी सरकारें गिरा दी थीं.
राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि 600 सरकारी योजनाएं सिर्फ गांधी-नेहरू परिवार के नाम पर हैं. उन्होंने कहा था कि किसी कार्यक्रम में अगर नेहरू के नाम का उल्लेख नहीं होता है तो कुछ लोगों के बाल खड़े हो जाते हैं और उनका लहु एकदम गर्म हो जाता है कि नेहरू जी का नाम क्यों नहीं दिया.
उन्होंने कहा था, 'मुझे ये समझ नहीं आता है कि उनकी पीढ़ी का कोई व्यक्ति नेहरू सरनेम रखने से डरता क्यों है. क्या शर्मिंदगी है नेहरू सरनेम रखने से. क्या शर्मिंदगी है. इतना बड़ा महान व्यक्तित्व अगर आपको मंजूर नहीं है, परिवार को मंजूर नहीं है और हमारा हिसाब मांगते रहते हो.'