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बांग्लादेश के हसनत अब्दुल्ला आखिर हैं कौन? जिन्होंने भारत को दे डाली धमकी 

बांग्लादेश के नेशनल सिटीजन पार्टी नेता हसनत अब्दुल्ला ने भारत को धमकी दी कि अगर भारत बांग्लादेश को अस्थिर करेगा तो पूर्वोत्तर राज्यों को अलग-थलग कर दिया जाएगा.

बांग्लादेश के हसनत अब्दुल्ला आखिर हैं कौन? जिन्होंने भारत को दे डाली धमकी 
  • बांग्लादेश के नेता हसनत अब्दुल्ला ने भारत को पूर्वोत्तर राज्यों को अलग-थलग करने की धमकी दी है
  • भारत ने बांग्लादेश के उच्चायुक्त को तलब कर वहां के चरमपंथी तत्वों को लेकर अपनी बात रखी है
  • बांग्लादेश की अधिकांश सीमा भारत से लगती है और दोनों देशों के बीच सुरक्षा व व्यापार में गहरी निर्भरता मौजूद है
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नई दिल्ली:

पहले बांग्लादेश के अंतरिम सलाहकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस और अब वहां की नेशनल सिटीजन पार्टी के शीर्ष नेता हसनत अब्दुल्ला ने भारत को सीधे धमकी दी है कि अगर उसने बांग्लादेश को अस्थिर करने की कोशिश की तो भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को अलग-थलग कर दिया जाएगा. भारत ने इस मसले को गंभीरता से लेते हुए आज बांग्लादेश के भारत में उच्चायुक्त को तलब किया और उन्हें बांग्लादेश में मौजूद चरमपंथी तत्वों की गतिविधियों से अवगत कराया, जिन्होंने ढाका में भारतीय दूतावास के आसपास असुरक्षा का माहौल पैदा करने की घोषणा की है. विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश में चरमपंथी तत्वों द्वारा फैलाई जा रही भ्रामक अफवाहों को पूरी तरह से खारिज किया है. मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि भारत, बांग्लादेश में शांति और स्थिरता का पक्षधर है. 

बांग्लादेश के कुछ नेताओं की भारत के खिलाफ की गई टिप्पणियों को आड़े हाथों लेते हुए सेना में डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी में डायरेक्टर जनरल रहे  केजेएस ढिल्लन ने कहा कि कितने गाजी आये और चले गए. जो देश भारत की मदद से बना है उसे याद रखना चाहिए  कि उस देश के इतिहास और भूगोल एक बार फिर बदल सकने की क्षमता भारत में है. औकात पहचानों और औकात में रहो .  

हसनत अब्दुल्ला उन्हीं लोगों में से एक है जिसने पिछले साल शेख हसीना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरु किया. हालात इतने खराब हुए कि  शेख हसीना को बांग्लादेश छोड़कर भारत में शरण लेनी पड़ी. हसनत इसी साल फरवरी में बांग्लादेश में बनी नेशनल सिटीजन पार्टी का प्रमुख लीडर है. हाल ही में एक रैली में हसनत ने भारत पर आरोप लगाया कि उसकी ओर से बांग्लादेश को अस्थिर करने और यहां की चुनाव प्रकिया को बाधित करने का प्रयास हो रहा है.  उसने धमकी दी कि अगर ऐसा हुआ तो इसका असर सरहद पार भी होगा.

ऐसा ही भारत पर आरोप अंतरिम सरकार के कार्यवाहक मुखिया मोहम्मद युनूस ने भी चीन में जाकर लगाया था. उन्होंने कहा था कि भारत के पूर्वोत्तर  राज्यों का समंदर से कोई संपर्क नहीं है. इसलिए इस इलाके का अभिवावक बांग्लादेश है. इस पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई थी. यह बात किसी से छुपी नही है कि बांग्लादेश की धरती से पूर्वोत्तर राज्यों में उग्रवादी गतिविधियों को संचालन होता रहा है . 

अब अगर हसनत अब्दुल्ला की बात करें तो यह पूर्व  छात्र आंदोलन का नेता रहा है, जो 2020 के दशक में उभरा. हसनत ने  ढाका विश्वविद्यालय से अंग्रेज़ी साहित्य की पढ़ाई की . वह ‘Students Against Discrimination' आंदोलन के प्रमुख नेताओं में रहा, जो 2024 में सरकारी नौकरी की कोटा प्रणाली के विरोध से शुरू होकर एक व्यापक छात्र-जन आंदोलन में बदल गया था. 

आंदोलन के बाद उसने औपचारिक राजनीति में प्रवेश किया और नेशनल सिटिजन पार्टी (जातीय नागरिक पार्टी) के गठन में भूमिका निभाई, जो आवामी लीग और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के विकल्प के रूप में सामने आई. हसनत अब्दुल्ला अपनी तीखी राजनीतिक बयानबाज़ी के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने पूर्व आवामी लीग सरकार पर भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, दंडहीनता और लोकतांत्रिक पतन के आरोप लगाए थे. 

गौरतलब है कि बांग्लादेश की अधिकतर सीमाएं भारत से घिरी हुई है. बांग्लादेश की 94 प्रतिशत सीमा भारत से लगती है. भारत और बांग्लादेश के बीच 4,367 किलोमीटर लंबी सीमा लगती है. यानी बांग्लादेश लगभग चारों तरफ़ से भारत से घिरा हुआ है.ऐसे में बांग्लादेश सुरक्षा और व्यापार के मामले में भारत पर निर्भर है.पिछले साल अगस्त महीने में विरोध प्रदर्शन के बाद शेख हसीना को प्रधानमंत्री की कुर्सी छोड़कर भारत आना पड़ा था और तब से यहीं पर है. बांग्लादेश में शेख़ हसीना के सत्ता से हटने के बाद वहां इस्लामिक कट्टरपंथियों का प्रभाव बढ़ा है.

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