Bangladesh Election: बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन के बाद से ही अंतरिम सरकार चल रही है. शेख हसीना के देश छोड़कर भाग जाने के बाद डॉ. मोहम्मद यूनुस के हाथों में बांग्लादेश की कमान सौंपी गई, लेकिन वो अंतरिम सरकार के मुखिया हैं. बवाल थमने के बाद ये वादा किया गया था कि बांग्लादेश में कुछ ही महीने में चुनाव कराए जाएंगे, हालांकि इस बात को एक साल से ज्यादा वक्त बीत गया. अब आखिरकार बांग्लादेश में चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जा सकता है. बताया जा रहा है कि 2026 जनवरी या फरवरी तक बांग्लादेश में चुनाव कराए जा सकते हैं. ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि बांग्लादेश में कुल कितने हिंदू वोटर हैं और चुनाव में उनकी क्या भूमिका होती है.
इस बार का चुनाव होगा अलग
बांग्लादेश में इस बार का चुनाव काफी अलग होने वाला है. तख्तापलट के बाद अब बांग्लादेश में राजनीतिक समीकरण पूरी तरह से बदल चुके हैं. बांग्लादेश में एनसीपी, जमात-ए-इस्लामी और बीएनपी के बीच टक्कर मानी जा रही है. शेख हसीना की आवामी लीग के वो नेता चुनाव लड़ सकते हैं, जिन पर किसी तरह के गंभीर आरोप नहीं हैं. हालांकि वो पार्टी सिंबल पर नहीं बल्कि निर्दलीय उम्मीदवार या किसी दूसरी पार्टी से चुनाव लड़ सकते हैं.
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बांग्लादेश में कुल कितने हिंदू?
बांग्लादेश में 300 सीटों में से करीब 20 सीटों पर हिंदू वोटर्स का दबदबा माना जाता है. सरकार बनाने के लिए 151 सीटों की जरूरत होती है. बांग्लादेश में हिंदू वोटर्स की संख्या करीब 8 प्रतिशत है. साल 2022 में हुई जनगणना के मुताबिक बांग्लादेश में हिंदू सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है. यहां हिंदुओं की आबादी करीब 1.31 करोड़ से ज्यादा है.
इस पार्टी की तरफ झुकाव
चुनावी एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस बार बांग्लादेश में रहने वाले हिंदू जमात-ए-इस्लामी की तरफ झुकाव रख सकते हैं. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश में रहने वाले हिंदुओं का मानना है कि अगर जमात सत्ता में आती है तो वो सुरक्षित महसूस करेंगे. कुल मिलाकर हिंदू वोटर्स इस बार बांग्लादेश की राजनीति में बड़े गेमचेंजर साबित हो सकते हैं.
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