नई दिल्ली:
दक्षिणी दिल्ली के एक गांव के ठीक बाहर से निकलने वाली एक अहम सड़क पर कुछ दिन पहले अचानक एक दीवार बन गई जिससे इलाके में जाम तो लग ही रहा है, साथ ही ऐसे सवाल भी उठ रहे हैं जिससे ये एक किस्सा बन गया है, किस्सा सड़क का?
दरअसल कालिंदी कुंज से फरीदाबाद जाने वाली सड़क और मथुरा रोड को जोड़ने वाली लिंक रोड आली गांव के ठीक बाहर से गुजरती है जिसका इस्तेमाल आसपास के लोग धड़ल्ले से करते रहे हैं। इस पर अब दीवार खड़ी होने से लोगों को मुश्किल हो रही है। हालांकि इसकी वजह खस्ताहाल हो चुका लोहे का पुल बताया जाता है, जिसे खतरनाक घोषित कर दिया गया है।
जाम से परेशान लोगों ने कहा कि ये दीवार आली गांव के लोगों ने ही बनवाई है जबकि गांववालों के मुताबिक दीवार यूपी के सिंचाई विभाग ने एहतियातन बनवाई है।
जबकि आम आदमी पार्टी के बदरपुर से विधायक, जिनके इलाके के लोग दीवार से परेशान हैं, वे जोर देकर इसके गांववालों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। लेकिन ओखला विधानसभा जिसमें ये गांव पड़ता है, वहां के आप विधायक गांव वालों की बात पर मुहर लगा रहे हैं। एक ही पार्टी के दो विधायकों को इस दीवार के आर पार खड़े देख हम सच जानने सिंचाई विभाग के दफ्तर गए।
यूपी सिंचाई विभाग में असिस्टेंट इंजीनियर नरेंद्र यादव ने बताया है कि यूपी सिंचाई विभाग ने गांव के बाहर कोई सड़क निर्माण नहीं कराया है। अब ऐसे में सवाल है कि बगैर किसी सरकारी एजेंसी की सहमति के सड़क पर दीवार कैसे खड़ी हो गई और वो भी बिना कोई विकल्प दिए। कहीं ये स्थानीय लोगों की दबंगई तो नहीं जो दूसरों को अपने इलाके से गुजरने नहीं देना चाहते।
दरअसल कालिंदी कुंज से फरीदाबाद जाने वाली सड़क और मथुरा रोड को जोड़ने वाली लिंक रोड आली गांव के ठीक बाहर से गुजरती है जिसका इस्तेमाल आसपास के लोग धड़ल्ले से करते रहे हैं। इस पर अब दीवार खड़ी होने से लोगों को मुश्किल हो रही है। हालांकि इसकी वजह खस्ताहाल हो चुका लोहे का पुल बताया जाता है, जिसे खतरनाक घोषित कर दिया गया है।
जाम से परेशान लोगों ने कहा कि ये दीवार आली गांव के लोगों ने ही बनवाई है जबकि गांववालों के मुताबिक दीवार यूपी के सिंचाई विभाग ने एहतियातन बनवाई है।
जबकि आम आदमी पार्टी के बदरपुर से विधायक, जिनके इलाके के लोग दीवार से परेशान हैं, वे जोर देकर इसके गांववालों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। लेकिन ओखला विधानसभा जिसमें ये गांव पड़ता है, वहां के आप विधायक गांव वालों की बात पर मुहर लगा रहे हैं। एक ही पार्टी के दो विधायकों को इस दीवार के आर पार खड़े देख हम सच जानने सिंचाई विभाग के दफ्तर गए।
यूपी सिंचाई विभाग में असिस्टेंट इंजीनियर नरेंद्र यादव ने बताया है कि यूपी सिंचाई विभाग ने गांव के बाहर कोई सड़क निर्माण नहीं कराया है। अब ऐसे में सवाल है कि बगैर किसी सरकारी एजेंसी की सहमति के सड़क पर दीवार कैसे खड़ी हो गई और वो भी बिना कोई विकल्प दिए। कहीं ये स्थानीय लोगों की दबंगई तो नहीं जो दूसरों को अपने इलाके से गुजरने नहीं देना चाहते।
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