- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी गई है
- आठवें वेतन आयोग के गठन से 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनभोगियों को फायदा होगा
- अध्यक्ष जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई और सदस्य IIM बेंगलुरु के प्रो. पुलक घोष व पेट्रोलियम सचिव पंकज जैन हैं
केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ा दीवाली गिफ्ट देते हुए 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी गई है. मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में 8वें वेतन आयोग के नियम व शर्तों पर मुहर लगा दी गई. यह जानना दिलचस्प होगा कि इस आयोग में और कौन-कौन होगा, और इसकी रिपोर्ट कब तक आएगी.
कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 8वें वेतन आयोग गठित करने के फैसले से 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और करीब 69 लाख पेंशनभोगियों को फायदा होगा. कर्मचारी और पेंशनभोगी महीनों से नए वेतन आयोग गठित होने का इंतजार कर रहे थे, अब सरकार ने उन्हें खुशखबरी दे दी है.
8वें वेतन आयोग में कौन-कौन?
- रंजना प्रकाश देसाई : सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई को आठवें वेतन आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है.
- पुलक घोष : आईआईएम बेंगलुरु के प्रोफेसर पुलक घोष को नए वेतन आयोग का सदस्य बनाया गया है. वह पार्ट टाइम मेंबर होंगे.
- पंकज जैन : 8वें वेतन आयोग के सदस्यों में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस विभाग के सचिव पंकज जैन को भी शामिल किया गया है.
कौन हैं जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई?
- जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई को सितंबर 2011 में सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था और वह अक्टूबर 2014 को रिटायर हुई थीं.
- सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति से पहले वह बॉम्बे हाईकोर्ट में जज थीं, जहां उन्होंने 15 अप्रैल 1996 से कार्य किया.
- जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग की अध्यक्ष रही हैं.
- वह प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं.
- उन्होंने उत्तराखंड और गुजरात सरकार द्वारा समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने के लिए गठित समितियों का भी नेतृत्व किया है.
8वें वेतन आयोग को अपनी रिपोर्ट पेश करने के लिए 18 महीने का समय दिया गया है. आयोग अपनी सिफारिशें सरकार को पेश करेगा, जिस पर विचार के बाद मंजूरी की मुहर लगाई जाएगी. नए वेतन आयोग की सिफारिशों के अगले साल 1 जनवरी 2026 से लागू होने की उम्मीद है.
किन बातों को ध्यान में रखकर दी जाएगी रिपोर्ट?
सरकार की तरफ से बताया गया है कि जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाला 8वां वेतन आयोग अपनी सिफारिशें देते हुए इन बातों को ध्यान में रखेगा-
- देश की आर्थिक स्थितियां और राजकोषीय विवेक (fiscal prudence) को ध्यान में रखकर आयोग अपनी सिफारिशें देगा.
- आयोग सुनिश्चित करेगा कि विकास और जनकल्याणकारी उपायों के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध रहें.
- गैर-अंशदायी पेंशन योजनाओं की अघोषित या अनफंडेड लागत को भी ध्यान में रखा जाएगा.
- आयोग की सिफारिशों का राज्य सरकारों के वित्त पर क्या प्रभाव होगा, इसका ख्याल भी रखा जाएगा. आमतौर पर राज्य सरकारें कुछ संशोधनों के साथ आयोग की सिफारिशों को अपनाती हैं.
- केंद्र सरकार के अधीन सार्वजनिक कंपनियों और निजी कंपनियों के कर्मचारियों को मिलने वाली सैलरी, सुविधाएं और वर्किंग कंडीशन का भी ध्यान रखा जाएगा.
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