नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के सबसे खराब प्रदर्शन के बाद कांग्रेस के सभी नेता इस बात पर सहमत हैं कि पार्टी मुश्किल दौर से गुजर रही है लेकिन कमान राहुल के हाथ में ही रहनी चाहिए. वहीं, राहुल गांधी सार्वजनिक तौर पर कह चुके हैं कि उत्तर प्रदेश के नतीजे उतने बुरे नहीं है. हालांकि जानकारों ने राहुल के इस बयान पर हैरानी जताई है.
मुंबई की पूर्व कांग्रेस सांसद प्रिया दत्त ने NDTV से कहा, "राहुल अच्छे लीडर हैं, वह अपना सर्वश्रेष्ठ कर रहे हैं. उन्होंने पार्टी को नई दिशा देने की काफी कोशिश की है लेकिन लंबे समय से पार्टी को इसका फायदा नहीं मिल रहा है." राहुल गांधी को इसी तरह की आलोचना चौतरफा झेलनी पड़ रही क्योंकि इस समय वही पार्टी के कर्ता-धर्ता हैं. पार्टी पूरी तरह से उन्हीं के नियंत्रण में है.
शनिवार को जब से पांच राज्यों के नतीजे सामने आए हैं. तभी से पार्टी में 'आत्मविश्लेषण' किए जाने की बात दबी जुबान से कही जा रही है. हालांकि प्रत्येक चुनाव में हार मिलने के बाद इस तरह की चर्चाएं होती हैं (हालांकि पार्टी में अब बेचैनी बढ़ने लगी है) और वरिष्ठ पदाधिकारियों को दंडित किए जाने की भी बात होती है लेकिन असल में पार्टी में ऐसा कुछ भी नहीं दिखाई देता.
आज ही उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने चुनाव में मिली करारी हार के बाद इस्तीफे की पेशकश की लेकिन उसे नामंजूर कर दिया गया. गोवा के प्रभारी दिग्विजय सिंह भी क्षेत्रीय दलों का समर्थन जुटान में नाकाम रहे. इसके चलते गोवा कांग्रेस के हाथ से निकल गया.
मजेदार बात यह है कि उत्तर प्रदेश चुनाव में भारी शिकस्त मिलने के बाद भी राहुल गांधी को इसके लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा रहा है. रेणुका चौधरी ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है, "राहुल गांधी को दोष देना तो अब फैशन बन गया है." वहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा था, "राहुल गांधी इस्तीफा नहीं देंगे. गांधी परिवार कांग्रेस परिवार को जोड़े रखने वाले सबसे अहम कारक हैं."
पार्टी के लिए राहत की बात यह है कि पंजाब में उसकी सरकार बन रही है लेकिन इसका श्रेय कैप्टन अमरिंदर सिंह को दिया जाना चाहिए. 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी का एक के बाद एक राज्य गंवाती जा रही है. इसके उलट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेर्टर्व में बीजेपी एक के बाद कई राज्य जीतती जा रही है.
कांग्रेस की निष्क्रियता को स्वीकार करते हुए प्रिया ने कहा, "निश्चित रूप से हमें 2014 से ही काम करना शुरू करना चाहिए था. हम अपनी गलतियों से सबक नहीं ले पाए." यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिए राहुल गांधी को जिम्मेदारी नहीं लेनी चाहिए? प्रिया ने इसका जवाब हां मे दिया लेकिन जोर दिया, "राहुल गांधी या किसी एक व्यक्ति को बदलने से पार्टी की दशा नहीं सुधरेगी." इससे पहले आज सुबह प्रिया दत्त ने ट्वीट के जरिये पार्टी पर कटाक्ष किया था. उन्होंने लिखा, "कांग्रेस ऑटो इम्यून रोग से पीड़ित है. कांग्रेस ही कांग्रेस को नष्ट कर रही है."
मुंबई की पूर्व कांग्रेस सांसद प्रिया दत्त ने NDTV से कहा, "राहुल अच्छे लीडर हैं, वह अपना सर्वश्रेष्ठ कर रहे हैं. उन्होंने पार्टी को नई दिशा देने की काफी कोशिश की है लेकिन लंबे समय से पार्टी को इसका फायदा नहीं मिल रहा है." राहुल गांधी को इसी तरह की आलोचना चौतरफा झेलनी पड़ रही क्योंकि इस समय वही पार्टी के कर्ता-धर्ता हैं. पार्टी पूरी तरह से उन्हीं के नियंत्रण में है.
शनिवार को जब से पांच राज्यों के नतीजे सामने आए हैं. तभी से पार्टी में 'आत्मविश्लेषण' किए जाने की बात दबी जुबान से कही जा रही है. हालांकि प्रत्येक चुनाव में हार मिलने के बाद इस तरह की चर्चाएं होती हैं (हालांकि पार्टी में अब बेचैनी बढ़ने लगी है) और वरिष्ठ पदाधिकारियों को दंडित किए जाने की भी बात होती है लेकिन असल में पार्टी में ऐसा कुछ भी नहीं दिखाई देता.
आज ही उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने चुनाव में मिली करारी हार के बाद इस्तीफे की पेशकश की लेकिन उसे नामंजूर कर दिया गया. गोवा के प्रभारी दिग्विजय सिंह भी क्षेत्रीय दलों का समर्थन जुटान में नाकाम रहे. इसके चलते गोवा कांग्रेस के हाथ से निकल गया.
मजेदार बात यह है कि उत्तर प्रदेश चुनाव में भारी शिकस्त मिलने के बाद भी राहुल गांधी को इसके लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा रहा है. रेणुका चौधरी ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है, "राहुल गांधी को दोष देना तो अब फैशन बन गया है." वहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा था, "राहुल गांधी इस्तीफा नहीं देंगे. गांधी परिवार कांग्रेस परिवार को जोड़े रखने वाले सबसे अहम कारक हैं."
पार्टी के लिए राहत की बात यह है कि पंजाब में उसकी सरकार बन रही है लेकिन इसका श्रेय कैप्टन अमरिंदर सिंह को दिया जाना चाहिए. 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी का एक के बाद एक राज्य गंवाती जा रही है. इसके उलट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेर्टर्व में बीजेपी एक के बाद कई राज्य जीतती जा रही है.
कांग्रेस की निष्क्रियता को स्वीकार करते हुए प्रिया ने कहा, "निश्चित रूप से हमें 2014 से ही काम करना शुरू करना चाहिए था. हम अपनी गलतियों से सबक नहीं ले पाए." यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिए राहुल गांधी को जिम्मेदारी नहीं लेनी चाहिए? प्रिया ने इसका जवाब हां मे दिया लेकिन जोर दिया, "राहुल गांधी या किसी एक व्यक्ति को बदलने से पार्टी की दशा नहीं सुधरेगी." इससे पहले आज सुबह प्रिया दत्त ने ट्वीट के जरिये पार्टी पर कटाक्ष किया था. उन्होंने लिखा, "कांग्रेस ऑटो इम्यून रोग से पीड़ित है. कांग्रेस ही कांग्रेस को नष्ट कर रही है."
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