- सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में केवल BS-4 और उससे नए वाहनों को ही प्रवेश की अनुमति दी है.
- BS का अर्थ भारत स्टेज है, जो वाहनों के उत्सर्जन मानकों को दर्शाता है और BS-6 वर्तमान मानक है.
- BS-3 और उससे पुराने वाहनों के दिल्ली में प्रवेश पर प्रतिबंध लगेगा और इन्हें सीज भी किया जा सकता है.
दिल्ली की दम घुटती हवा के बीच अदालती आदेश और सरकारी कार्रवाई में BS-3, BS-4, BS-5, BS-6 जैसे टेक्निकल टर्मों का खूब इस्तेमाल हो रहा है. रोजमर्रा के जीवन में इन शब्दों का कुछ खास प्रभाव तो नहीं है. लेकिन जानकारों के अनुसार साफ हवा के लिए इस मानक का सख्ती से पालन होना जरूरी है. बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के प्रदूषण पर अपने एक पुराने आदेश में बड़ा बदलाव किया है. सुप्रीम कोर्ट ने 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को लेकर अपने पहले आदेश में संशोधन करते हुए कहा- अब दिल्ली-NCR में केवल BS4 और नए वाहनों को छूट मिलेगी.
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का मतलब है कि अब दिल्ली में BS-4 से पहले की गाड़ियों की एंट्री बैन हो जाएगी. BS-4 से पहले की गाड़ियों को दिल्ली में सीज किया जा सकता है.

अब जानिए BS 3, 4, 5 क्या है?
BS का फुल फॉर्म है- भारत स्टेज. इस सदी की शुरुआत में 2000 में गाड़ियों के इंजन से निकलने वाले वायु प्रदूषण को देखने के लिए Bharat Stage Emission Standards (BSES) की शुरुआत की गई थी. इसे भारत में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय और जलवायु परिवर्तन के तहत (CPCB) लाया गया था.
कई संशोधनों के बाद वर्तमान में इसका छठा स्टेज इस्तेमाल में है. इसके अलग-अलग संशोधनों को BS 1, 2, 3, 4, 5, 6 स्टेज के नाम से जाना जाता है. भारत स्टेज उत्सर्जन मानक यूरोपीय मानदंडों पर आधारित हैं, जिन्हें आमतौर पर 'यूरो 2', 'यूरो 3' जैसे नाम से लाया गया है.
भारत में सबसे पहला BS उत्सर्जन मानक 1 अप्रैल, 2000 को लाया गया था. इसे BS-1 का नाम दिया गया. इसके बाद 2001 में भारत स्टेज II (BSII), 2005 में BSIII, 2017 में BS-4 लाया गया. अभी भारत में BS-6 की गाड़ियां आ रही हैं.
भारत स्टेज-I (BSI) क्या है?
BS-1 के तहत उन गाड़ियों को शामिल किया गया था, जो 2.72 ग्राम/किमी कार्बन मोनोऑक्साइड उत्सर्जन और 0.97 ग्राम/किमी हाइड्रोकार्बन और नाइट्रोजन ऑक्साइड का उत्सर्जन करती थीं.
भारत स्टेज-II (BSII) क्या है?
2001 से 2010 के बीच बिकने वाली गाड़ियां भारत स्टेज-II (BS-2) के तहत आईं. इस स्टेज में उत्सर्जन मानदंड को बढ़ा कर कार्बन मोनोऑक्साइड उत्सर्जन 2.2 ग्राम/किमी, हाइड्रो कार्बन + नाइट्रोजन ऑक्साइड 0.50 ग्राम/किमी कर दिया गया था. साथ ही, ईंधन में सल्फर की मात्रा को 500 पीपीएम तक सीमित कर दिया गया था.

भारत स्टेज-III (BSIII) क्या है?
भारत स्टेज-II के दौरान ही प्रदूषण के बढ़ते मामलों को देखते हुए नए बनने वाले वाहनों के लिए 2005 में भारत स्टेज-III (BS-3) लाया गया. यह स्टेज 2010 तक चला और इसमें कार्बन मोनोऑक्साइड उत्सर्जन 2.3 ग्राम/किमी, हाइड्रो कार्बन+नाइट्रोजन ऑक्साइड 0.35 ग्राम/किमी डिस्चार्ज,और रेस्पिरेबल सस्पेंडेड पार्टिकुलेट मैटर डिस्चार्ज 0.05 कर दिया गया था.
भारत स्टेज-IV (BSIV) क्या है?
BSIV (BS-4) मानदंड को अप्रैल 2017 में लाया गया. इसमें पेट्रोल से चलने वाले यात्री वाहनों में 1.0 ग्राम/किमी के कार्बन मोनोऑक्साइड उत्सर्जन, 0.18 ग्राम/किमी के हाइड्रो कार्बन+नाइट्रोजन ऑक्साइड और डीजल वाले वाहनों में 0.50 ग्राम/किमी का चरम कार्बन मोनोऑक्साइड, 0.25 ग्राम/किमी का नाइट्रस ऑक्साइड और 0.30 ग्राम/किमी का हाइड्रो कार्बन + नाइट्रोजन ऑक्साइड उत्सर्जन स्तर को तय किया गया था.
भारत स्टेज-VI (BSVI) क्या है?
यह भारत स्टेज का सबसे लेटेस्ट स्टेज है और सभी गाड़ियों में उत्सर्जन स्तर के लिए भारत स्टेज-VI (BS-6) का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसे अप्रैल 2020 में लाया गया था और वैसी गाड़ियां जो इस स्तर से नीचे हैं, उन्हें अपडेट करने की सलाह दी जा रही है.

सुप्रीम कोर्ट ने CAQM के अनुरोध पर लिया फैसला
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने CAQM (वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग) के अनुरोध के आधार पर ही अपने आदेश में संशोधन किया है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार की याचिका पर कार्रवाई करते हुए आदेश दिया था कि 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की जाएगी.
जुलाई में गाड़ियों की धरपकड़ के बाद अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने दी थी राहत
सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल अगस्त में दिल्ली-एनसीआर में 15 साल पुराने वाहनों के मालिकों को बड़ी राहत दी थी. 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर बैन के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा अंतरिम आदेश भी जारी किया था. इसके तहत सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ऐसे वाहन मालिकों के खिलाफ फिलहाल कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं होगी.
लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश में बदलाव कर दिया है. अब दिल्ली में BS-3 स्टेज वाली गाड़ियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी. कोर्ट ने पहले सभी 10-15 साल पुरानी गाड़ियाँ को छूट दे दी थी. अब कहा कि BS-3 को ये छूट नहीं मिलेगी.
- गुरुग्राम में करीब डेढ़ लाख से ज्यादा BS-3 गाड़ियां है.
- नोएडा में एक लाख चालीस हजार से ज्यादा BS-3 गाड़ियां है.
- ग़ाज़ियाबाद में 3 लाख 70 हजार से ज़्यादा BS-3 गाड़ियां हैं.
- इन सभी गाड़ियों के दिल्ली में आने पर रोक रहेगी.
बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में बीते कुछ दिनों से चल रही तेज सर्द हवाओं के कारण वायु प्रदूषण में हल्की गिरावट जरूर दर्ज की गई है, लेकिन हालात अब भी चिंताजनक बने हुए हैं. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) और यूपीपीसीबी (यूपीपीसीबी) के विभिन्न एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशनों से मिले आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद के अधिकांश इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 300 के पार दर्ज किया गया है, जो ‘बेहद खराब' श्रेणी में आता है.
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