पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला मामले आरोपी टीएमसी नेता कुंतल घोष को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है. CBI मामले में कुंतल घोष को जमानत मिली है. निचली अदालत कुंतल घोष की जमानत की शर्तें तय करेगी. ईडी मामले में कुंतल घोष को हाईकोर्ट से पहले ही जमानत मिल चुकी है. कोर्ट ने कहा कि गवाहों की संख्या ज्यादा है. ट्रायल पूरा होने में काफी वक्त लगेगा इसलिए अनिश्चित समय तक जेल में रखना न्यायोचित नहीं होगा.
जस्टिस सूर्यकांत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि सीबीआई ने पेश किया है कि आरोपों की प्रकृति के कारण, सीबीआई को ढेर सारे दस्तावेजों और सैकड़ों उम्मीदवारों की जांच करनी होगी जो कथित घोटाले के कथित पीड़ित हैं. पूरक आरोपपत्र दाखिल किए जाएंगे. यह सच है कि आरोपों की प्रकृति और एकत्र किए जाने वाले साक्ष्य की प्रकृति के कारण यह स्वाभाविक है कि एजेंसी को अंतिम पूरक आरोपपत्र दाखिल करने में कुछ और समय लगेगा . निकट भविष्य में ट्रायल के समापन की भविष्यवाणी करना जल्दबाजी होगी.
याचिकाकर्ता को अनिश्चित काल के लिए हिरासत में रखना आपराधिक न्यायशास्त्र के सुस्थापित सिद्धांतों के अनुरूप नहीं होगा. याचिकाकर्ता को सशर्त स्वतंत्रता बहाल करके संतुलन बनाया जा सकता है, इस तरह से कि वह जांच में बाधा न डाले. याचिकाकर्ता को अनुमति दी जाती है और याचिकाकर्ता को ट्रायल कोर्ट द्वारा लगाई जाने वाली शर्तों के अधीन जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया जाता है.
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