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एसआईआर की कवायद घुसपैठियों को बेनकाब करने के लिए जरूरी: सुवेंदु अधिकारी

भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा, ‘‘उन्हें (घुसपैठियों को) पकड़कर निर्वासित किया जाएगा. निर्वाचन आयोग ने ‘एसआईआर’ के जरिए सही इलाज किया है.’’

एसआईआर की कवायद घुसपैठियों को बेनकाब करने के लिए जरूरी: सुवेंदु अधिकारी
फाइल फोटो
  • पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर EC का कदम घुसपैठियों को बेनकाब करने के लिए है
  • भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि घुसपैठियों को पकड़कर निर्वासित किया जाएगा और उनकी पहचान की जाएगी
  • अधिकारी ने बताया, बांग्लादेशी मुस्लिम घुसपैठियों का पता लगाया जाएगा, भारतीय नागरिकों को डरने की जरूरत नहीं
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कोलकाता:

पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर जारी विवाद के बीच, विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने रविवार को कहा कि राज्य में रह रहे घुसपैठियों को बेनकाब करने के लिए निर्वाचन आयोग का यह कदम बेहद आवश्यक है.

अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की मदद से वर्षों से राज्य में रह रहे घुसपैठियों को बेनकाब किया जाएगा, उनका पता लगाकर उन्हें निर्वासित किया जाएगा. भाजपा नेता ने कहा, ‘‘उन्हें (घुसपैठियों को) पकड़कर निर्वासित किया जाएगा. निर्वाचन आयोग ने ‘एसआईआर' के जरिए सही इलाज किया है.''

अधिकारी ने कहा, ‘‘देखिए, कैसे बांग्लादेशी घुसपैठिए अपने ही देश भागने की कोशिश करते हुए बीएसएफ द्वारा पकड़े जा रहे हैं. ये सारे घटनाक्रम निर्वाचन आयोग द्वारा ‘एसआईआर' की घोषणा के बाद सामने आए हैं.'' नंदीग्राम के विधायक ने एक सवाल के जवाब में कहा कि मुस्लिम और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के भारतीय नागरिकों को ‘एसआईआर' को लेकर डरने की कोई जरूरत नहीं है.

उन्होंने कहा, ‘‘केवल बांग्लादेशी मुस्लिम घुसपैठियों और रोहिंग्याओं का पता लगाया जाएगा और पहचान के बाद उन्हें निर्वासित किया जाएगा.'' भाजपा नेता ने बताया कि पार्टी सोमवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय का रुख करेगी और चार नवंबर को आगरपाड़ा में रैली आयोजित करने की अनुमति मांगेगी. इस रैली का उद्देश्य तृणमूल कांग्रेस द्वारा इलाके में हाल ही में हुई एक अप्राकृतिक मौत को निर्वाचन आयोग के ‘एसआईआर' अभियान के खिलाफ राजनीतिक रंग देने के प्रयास को उजागर करना है.

उन्होंने कहा, ‘‘ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पक्षपातपूर्ण पुलिस ने हमें रैली आयोजित करने की अनुमति नहीं दी है. हम अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग करने के लिए न्यायपालिका का रुख करेंगे.''

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