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संसद में कांग्रेस से दूरी बना रही है ममता बनर्जी की पार्टी? सामने आई वजह

सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में टीएमसी ने रोज़ाना होने वाली इस बैठक में शामिल नहीं होने का फ़ैसला किया है. सूत्रों के मुताबिक इसकी बड़ी वजह ये बताई जा रही है कि बंगाल चुनाव. चुनाव को देखते हुए टीएमसी कांग्रेस से एक तरह की दूरी बना कर रखना चाहती है.

संसद में कांग्रेस से दूरी बना रही है ममता बनर्जी की पार्टी? सामने आई वजह
बंगाल चुनाव को देखते हुए टीएमसी कांग्रेस से एक तरह की दूरी बना कर रखना चाहती है.
  • संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में TMC कांग्रेस से दूरी बनाते हुए नजर आ रही है.
  • सूत्रों के अनुसार TMC बंगाल चुनाव की रणनीति के तहत कांग्रेस से दूरी बनाए रखना चाहती है ताकि चुनावी नुकसान न हो
  • बता दें बंगाल में लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा चुनाव , कांग्रेस और TMC ने कभी एक साथ चुनाव नहीं लड़ा है.
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नई दिल्ली:

कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का रिश्ता एक 'अबूझ पहली' रही है. बंगाल में लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा चुनाव, दोनों दल कभी एक साथ चुनाव नहीं लड़ते हैं. लेकिन कहने के लिए दोनों इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं. यही विरोधाभास अब संसद में भी देखने को मिलेगी. पिछले कई संसद सत्रों से ये परिपाटी चली आ रही है कि सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले सभी विपक्षी नेता एक बैठक करते हैं. जिसमें संसद में रणनीति पर विचार किया जाता है. ज़्यादातर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के संसद भवन इमारत में मौजूद कमरे में होनेवाली इस बैठक में सभी विपक्षी दलों, ख़ासकर इंडिया गठबंधन में शामिल दलों के नेता शामिल होते हैं. इसमें कांग्रेस के अलावा टीएमसी , समाजवादी पार्टी और डीएमके जैसी तमाम विपक्षी पार्टियां शामिल हैं. लेकिन अब इसमें दरार पड़ती दिख रही है.

क्या है कांग्रेस से दूरी बनाने की वजह?

सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में टीएमसी ने रोज़ाना होने वाली इस बैठक में शामिल नहीं होने का फ़ैसला किया है. सूत्रों के मुताबिक इसकी बड़ी वजह ये बताई जा रही है कि बंगाल चुनाव को देखते हुए टीएमसी कांग्रेस से एक तरह की दूरी बना कर रखना चाहती है. पार्टी का मानना है कि बंगाल में ममता बनर्जी सर्वमान्य नेता हैं लेकिन कांग्रेस के साथ ज़्यादा नजदीक दिखने पर पार्टी को चुनावी नुकसान हो सकता है. साथ ही, कांग्रेस की हालिया चुनावी प्रदर्शन को देखते हुए भी ममता बनर्जी उसके ज़्यादा नजदीक नहीं होना चाहती. 

सूत्रों ने ये भी बताया कि संसद भवन में रोजाना होने वाले इंडिया गठबंधन के धरना प्रदर्शन में भी टीएमसी केवल सांकेतिक तौर पर ही शामिल होगी. इसकी बानगी बुधवार को भी देखने को मिली जब श्रम कानूनों के खिलाफ़ होने वाले प्रदर्शन में टीएमसी के केवल दो सदस्य शामिल हुए जबकि बाकी सदस्यों ने इंडिया गठबंधन से अलग अपना विरोध प्रदर्शन किया. 

टीएमसी और कांग्रेस अकेले लड़ेगी चुनाव?

दरअसल अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर ये अटकलें लगने लगी हैं कि चुनाव में टीएमसी और कांग्रेस का गठबंधन होगा या नहीं ? पिछले कई चुनावों ने टीएमसी और कांग्रेस ने अकेले चुनाव लड़ा है. बंगाल कांग्रेस का एक वर्ग इस पक्ष में रहा है कि पार्टी को ममता बनर्जी की पार्टी के साथ गठबंधन कर लेना चाहिए जबकि अधीर रंजन चौधरी जैसे नेताओं का मानना रहा है कि टीएमसी बंगाल में कांग्रेस की कोई इज़्ज़त नहीं करती है. लिहाज़ा अपने दम पर चुनाव लड़ना चाहिए.

उधर ममता बनर्जी की शर्त रही है कि अगर वो अपने साथ कांग्रेस को रखती हैं तो उसे उतनी सीटों पर लड़ने पड़ेगा. जिसपर ममता बनर्जी की सहमति हो. इस शर्त को मानने के लिए अबतक कांग्रेस तैयार नहीं हुई है. ऐसे में संसद में टीएमसी की कांग्रेस से दूरी बनाने की कोशिश काफ़ी कुछ कहानी बयां कर दे रही है.

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