बिहार में मिली प्रचंड जीत के बाद बीजेपी अब पूरी ताकत के साथ अगले साल होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों की ओर बढ़ रही है. पार्टी नेतृत्व ने इसका खाका तैयार कर लिया है और इस पूरे चुनावी अभियान की कमान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हाथों में होगी.
अमित शाह इस महीने के आखिर में पश्चिम बंगाल से अपने दौरे की शुरुआत करेंगे. इसके बाद जनवरी से लेकर आचार संहिता लागू होने तक वह हर महीने कम से कम दो दिन पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में बिताएंगे. इन लगातार होने वाले दौरों का मकसद चुनावी माहौल बनाना, संगठन को सक्रिय करना और बूथ स्तर तक ऊर्जा भरना है.
अमित शाह अपने इन दौरे के दौरान ज़ोन-वाइज कार्यकर्ताओं के साथ गहन बैठकें करेंगे. बूथ लेवल कार्यकर्ताओं की अलग बैठकें होंगी, संगठनात्मक समीक्षा और रणनीति बैठकें आयोजित की जाएंगी. साथ ही, बड़े स्तर की रैलियां और जनसंपर्क कार्यक्रम भी प्लान किए जा रहे हैं ताकि बीजेपी का संदेश सीधे मतदाताओं तक पहुंचे.
अमित शाह इसके अलावा अलग-अलग राज्यों में सहयोगी दलों के नेताओं से भी मुलाकात करेंगे ताकि सीट बंटवारे, साझा अभियान और संयुक्त रणनीति को अंतिम रूप दिया जा सके.
बिहार की जीत ने पार्टी को नई ऊर्जा दी है और अब बीजेपी का पूरा फोकस पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम और पुडुचेरी में प्रदर्शन सुधारने और सत्ता हासिल करने पर है. इन राज्यों में संगठन को मजबूत करने और विपक्ष की कमजोरियों का फायदा उठाने के लिए बीजेपी शीर्ष स्तर से लेकर बूथ स्तर तक सक्रिय मोड में आ गई है.
2026 में असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव होना है. इसमें सबसे पहले असम में चुनाव होगा. असम में विधानसभा की 126 सीटें, केरल में 140, तमिलनाडु में 234, पश्चिम बंगाल में 294 और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में विधानसभा की 30 सीटें हैं.
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