प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को चंडीगढ़ हवाई अड्डे का नाम स्वतंत्रता सेनानी शहीद भगत सिंह के नाम पर करने की घोषणा की थी. शहीद भगत सिंह के भतीजे प्रोफेसर जगमोहन सिंह ने इस घोषणा का स्वागत किया है और इसे लोगों की जीत करार दिया है. मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात' में मोदी ने कहा, ‘‘भगत सिंह की जयंती के ठीक पहले उन्हें श्रद्धांजलि स्वरूप एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है. (हमने) यह तय किया है कि चंडीगढ़ हवाई अड्डे का नाम अब शहीद भगत सिंह के नाम पर रखा जाएगा.''
प्रोफेसर सिंह ने कहा हम महान स्वतंत्रता सेनानी को सम्मानित करने के निर्णय का स्वागत करते हैं, लेकिन मुझे लगता है कि यह लंबे समय से लंबित निर्णय था. क्योंकि 2006 में इस मुद्दे को उठाया गया था और शहीद भगत सिंह की 100 वीं जयंती पर पंजाब विधानसभा सत्र में एक प्रस्ताव लाया गया था, जिसमें चंडीगढ़ हवाई अड्डे का नाम इनके नाम पर रखने की मांग की गई थी. लेकिन हरियाणा सरकार ने अपने ही लोगों के नाम सुझाना शुरू कर दिया और उस समय एक केंद्रीय मंत्री का बयान आया कि हवाई अड्डे का नाम किसी विशेष व्यक्ति के नाम पर नहीं रखा जाएगा और इसका नाम केवल एक शहर के नाम पर रखा जाएगा. ”
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प्रोफेसर सिंह ने आगे कहा कि बाद में जब राज्य की जनता के दबाव में हरियाणा सरकार ने 2010 में राज्य विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित कर चंडीगढ़ हवाई अड्डे का नाम शहीद भगत सिंह के नाम पर रखा. उन्होंने कहा कि यह भी जरूरी है कि उक्त हवाईअड्डा किसी कारपोरेट को नहीं सौंपा जाए, जो शहीद भगत सिंह की सोच के खिलाफ हो. प्रधानमंत्री ने आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया कि शहीद भगत सिंह देश के सबसे बड़े शहीद हैं और अब चंडीगढ़ हवाईअड्डे का नाम भी उन्हीं के नाम पर रखा जाएगा. शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की तस्वीरें हवाई अड्डे के अंदर लगाई जानी चाहिए क्योंकि शहीद भगत सिंह की मां विद्यावती जी का मानना था कि उनके बेटे को अकेले खड़े रहना पसंद नहीं था
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