
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने सरकार से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ युद्ध की धमकी पर भारत की प्रतिक्रिया स्पष्ट करने को कहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले पर संसद में कोई चर्चा या विपक्षी दलों के साथ परामर्श नहीं किया गया है. उन्होंने ट्रंप के खिलाफ़ जवाबी कार्रवाई करने में समान हितों वाले अन्य देशों के साथ साझा आधार तलाशने का आह्वान किया. एनडीटीवी से बात करते हुए चिदंबरम ने कहा कि यदि भारत सरकार की यह धारणा है कि अमेरिका एक कदम आगे और दो कदम पीछे जा रहा है, तो उसके पास इसका प्रतिकार करने के लिए एक नीति होनी चाहिए.
यूपीए सरकार के तहत केंद्रीय वित्त मंत्री रहे चिदंबरम ने एनडीटीवी से कहा, "लेकिन आपके पास वैकल्पिक परिदृश्य होना चाहिए. क्या होगा अगर वे (अमेरिका) एक कदम आगे बढ़ते हैं? हमारी प्रतिक्रिया क्या होगी? क्या होगा अगर वे दो कदम पीछे हटते हैं? हमारी प्रतिक्रिया क्या होगी? और उस प्रतिक्रिया को पूरी दुनिया के सामने सार्वजनिक करने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन कम से कम संसद में एक बयान तो होना ही चाहिए, या विपक्षी दलों के साथ परामर्श तो होना ही चाहिए. हम पूरी तरह से अंधेरे में हैं."
मेरी जानकारी के अनुसार, अधिकांश मंत्री अंधेरे में हैं. अमेरिका की अनिश्चित नीति के प्रति इस प्रतिक्रियात्मक नीति को बनाने में कौन शामिल है? मुझे नहीं पता. ऐसा लगता है कि किसी को भी नहीं पता. अमेरिका में आयातित ऑटोमोबाइल और कार पार्ट्स पर 2 अप्रैल से 25 प्रतिशत टैरिफ लगेगा. भारतीय ऑटो एंसिलरी फर्मों को सबसे ज्यादा झटका लगेगा क्योंकि वे अमेरिका को बहुत सारे कंपोनेंट निर्यात करती हैं. भारत के ऑटो कंपोनेंट सेक्टर के राजस्व का लगभग पांचवां हिस्सा निर्यात से आता है. इसमें से 27 प्रतिशत अकेले अमेरिकी बाजार को जाता है.
भारत को अपना हित सर्वोपरि रखना चाहिए
उन्होंने कहा, "यदि आप संसद में सार्वजनिक चर्चा नहीं चाहते हैं, तो आपको कम से कम संसद में प्रतिनिधित्व करने वाले प्रमुख विपक्षी दलों को आमंत्रित करना चाहिए और उनके नेताओं को विश्वास में लेना चाहिए कि वैकल्पिक परिदृश्यों पर क्या काम किया जा रहा है." उन्होंने कहा कि भारत को अपना हित सर्वोपरि रखना चाहिए, लेकिन कई देश इस बात पर एकमत हैं कि अमेरिका द्वारा लगाया गया एकतरफा शुल्क अस्वीकार्य है.
हमारी अर्थव्यवस्था बर्बाद हो जाएगी
उन्होंने कहा, हम एक प्रमुख कृषि निर्यातक हैं. हम एक प्रमुख कपड़ा निर्यातक हैं. हम बहुत सारे औद्योगिक सामान भी निर्यात करते हैं. इसलिए हमें उन देशों के साथ मिलकर काम करना चाहिए जो कृषि निर्यात, कपड़ा निर्यात और औद्योगिक सामान निर्यात के लिए विश्व बाजार में हैं, और एक साझा दृष्टिकोण विकसित करना चाहिए. आप देखिए, अगर ट्रंप एक बार में एक देश को चुनते हैं, और टैरिफ लगाते हैं, तो यह उस देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर देगा. "मान लीजिए कि वह भारत को चुनते हैं, और अन्य देशों को छोड़ देते हैं और कहते हैं, ये भारत से निर्यात किए गए सामानों पर टैरिफ हैं, हम बर्बाद हो जाएंगे. तीन से छह महीने के भीतर, हमारी अर्थव्यवस्था बर्बाद हो जाएगी":.
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