केंद्र सरकार ने गेहूं आयात की खबरों का खंडन किया है. खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने कहा, " भारत में गेहूं आयात करने की ऐसी कोई योजना नहीं है. हमारी घरेलू आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए देश के पास पर्याप्त स्टॉक है और फूड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया के पास भी सार्वजनिक वितरण के लिए पर्याप्त स्टॉक है. कई रिपोर्टों में इस बात का जिक्र किया गया था कि भारत दूसरे देशों के गेहूं आयात करने पर विचार कर रहा है."
ये बात चौंकाने वाली थी क्योंकि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने के बाद जारी वैश्वविक अस्थिरता के बीच पीएम मोदी ने दावा किया था कि भारत "दुनिया को खिलाने" के लिए तैयार है. दरअसल, ब्लूमबर्ग ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि गर्मी की वजह से गेहूं के उत्पादन में कमी और बढ़ती कीमतें सरकार को अनाज आयात पर विचार करने के लिए मजबूर कर सकती हैं.
समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग ने इस खबर को रिपोर्ट करते हुए कहा था कि वित्त मंत्रालय ने इससे संबंधित टिप्पणी मांगने वाले ईमेल का जवाब नहीं दिया है. वहीं, खाद्य और वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी जवाब देने से इनकार कर दिया है. भारत ने बुधवार को गेहूं उत्पादन के अपने बढ़े हुए आंकडे़ को पेश किया, जबकि अन्य पूर्वानुमानकर्ता और व्यापारी हीटवेव के कारण उत्पादन संख्या को कम आंक रहे थे.
सरकार ने कृषि मंत्रालय द्वारा जारी अपने नए एस्टिमेट में कहा कि दुनिया के दूसरे सबसे बड़े अनाज उत्पादक ने 2022 में 106.84 मिलियन टन गेहूं की कटाई की, जो पिछले एस्टिमेट 106.41 मिलियन टन से थोड़ा अधिक है.
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