शिक्षा प्रौद्योगिकी मंच बायजू के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) बायजू रवींद्रन ने कर्मचारियों को पत्र लिखकर कहा कि कंपनी किसी भी दूसरे स्टार्टअप की तुलना में भारत में ज्यादा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) लेकर आई है. साथ ही उन्होंने जोड़ा कि फर्म बायजू विदेशी मुद्रा विनिमय कानून का पूरी तरह से अनुपालन करती है. वित्तीय अपराध पर शिकंजा कसने वाली एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को बायजू के परिसरों की तलाशी ली थी. भारत के इस सबसे मूल्यवान स्टार्टअप का मूल्यांकन कभी 22 अरब डॉलर था और इसने जनरल अटलांटिक, ब्लैकरॉक और सिकोया कैपिटल जैसे वैश्विक निवेशकों को आकर्षित किया है.
रवींद्रन ने कहा, "चूंकि हमें 70 से अधिक प्रभावशाली निवेशक वित्त पोषित करते हैं, जिन्होंने संतोषजनक तरीके से फेमा (विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम) नियमों का अनुपालन किया है. हमें विश्वास है कि प्राधिकरण भी इस निष्कर्ष पर आएगा." उन्होंने शनिवार देर रात भेजे पत्र में यह बात कही.
आंतरिक पत्र में रवींद्रन ने कहा कि कंपनी ने अपने अंतरराष्ट्रीय अधिग्रहण के लिए कुछ पैसे विदेश में भेजे थे.
उन्होंने लिखा, ‘‘ईडी का हालिया छापा फेमा के तहत एक जांच है. बायजू द्वारा एफडीआई, विदेशी निवेश और विपणन तथा ब्रांडिंग गतिविधियों से संबंधित सीमा पार लेनदेन के संबंध में अधिकारियों द्वारा मांगी गई जानकारी पहले ही हमारे अधिकृत प्रतिनिधियों द्वारा दी जा चुकी है.''
उन्होंने कहा कि बायजू ने अपनी वृद्धि रणनीति के तहत कई साल में 9,000 करोड़ रुपये का निवेश करते हुए कुछ विदेशी अधिग्रहण किए हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह भी बताना चाहता हूं कि बायजू किसी भी दूसरे भारतीय स्टार्टअप की तुलना में भारत में अधिक एफडीआई लाई है और इसके चलते हमने 55,000 से अधिक प्रतिभाशाली पेशेवरों के लिए रोजगार के अवसर पैदा किए हैं.''
उन्होंने कहा कि यह स्टार्टअप के बीच भारत की सबसे बड़ी नियोक्ता है.
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