- विशाखापत्तनम नेवी जासूसी मामले में NIA की स्पेशल कोर्ट ने दो आरोपियों को 5 साल 10 महीने की कैद की सजा सुनाई
- आरोपियों कलवलापल्ली कोंडा बाबू और अविनाश सोमल को यूएपीए और ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट के तहत दोषी पाया गया
- आरोपियों पर जुर्माना भी लगाया गया है, जो न भरने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद का कारण बनेगा
पाकिस्तान से जुड़े विशाखापत्तनम नेवी जासूसी केस में NIA की स्पेशल कोर्ट ने दो और आरोपियों को 5 साल 10 महीने की कैद की सजा सुनाई है. सजा पाए आरोपियों के नाम हैं कलवलापल्ली कोंडा बाबू निवासी विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश) और अविनाश सोमल जो कि हिमाचल के कांगड़ा का रहने वाला है. कोर्ट ने दोनों को यूएपीए की धारा 18 और ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट की धारा 3 के तहत दोषी पाया. इसके अलावा दोनों पर ₹5000 का जुर्माना भी लगाया गया है. अगर जुर्माना नहीं भरा गया तो उन्हें एक साल की अतिरिक्त कैद काटनी होगी.
राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है मामला
अब तक इस केस में कुल 6 आरोपियों को सजा हो चुकी है. ये मामला भारतीय नौसेना की संवेदनशील जानकारियां और तैनाती संबंधी सूचनाएं विदेशी एजेंटों को भेजने से जुड़ा है. जो भारत की एकता, अखंडता और सुरक्षा के लिए खतरा माना गया. NIA की जांच में सामने आया कि आरोपी व्हाट्सएप के ज़रिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंटों के संपर्क में थे और भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों से जुड़ी सीक्रेट जानकारी साझा कर रहे थे. दोनों की गिरफ्तारी दिसंबर 2019 में हुई थी. एक को मुंबई से और दूसरे को कारवार (कर्नाटक) से पकड़ा गया था.
फेसबुक के ज़रिए पाक एजेंटों ने फंसाया
जांच में यह भी सामने आया कि आरोपियों को फेसबुक के ज़रिए पाक एजेंटों ने फंसाया था. उन्हें भारत से जुड़ी संवेदनशील जानकारियों के बदले पैसे भेजे गए थे, जो अब्दुल रहमान, हारून लकदावाला, शाइस्ता कैसर और इमरान गीतेली नाम के आरोपियों के जरिए भेजे गए. इन चारों को इस साल की शुरुआत में ही सजा सुनाई जा चुकी है. यह मामला शुरू में आंध्र प्रदेश पुलिस के इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट के पास था. बाद में दिसंबर 2019 में NIA ने जांच अपने हाथ में ली.
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