महाराष्ट्र : बरसाती नाली में गड्ढे खोदकर पानी निकालने को मजबूर हुए लोग, बूंद-बूंद पानी को तरस रहे गांव

देश आजादी का अमृत मोहत्सव मना रहा है लेकिन महाराष्ट्र (Maharashtra) के कई ज़िले बूंद-बूंद पानी के लिए अभी तक तरस रहे है. कहीं लोग बरसाती नाले में गड़्ढे खोदकर ( Digging Pits) पानी निकालने के लिए मजबूर हैं.  

महाराष्ट्र : बरसाती नाली में गड्ढे खोदकर पानी निकालने को मजबूर हुए लोग, बूंद-बूंद पानी को तरस रहे गांव

गांव के लोग पानी की क़िल्लत से परेशान है. 

मुंबई :

देश आजादी का अमृत मोहत्सव मना रहा है लेकिन महाराष्ट्र (Maharashtra) के कई ज़िले बूंद-बूंद पानी के लिए अभी तक तरस रहे है. कहीं लोग बरसाती नाले में गड्ढे खोदकर ( Digging Pits) पानी निकालने के लिए मजबूर हैं.  पिछले  9-10 दिनों से पानी के इंतज़ार में भड़के लोग प्रशासन के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे हैं. कुछ लोग मंदिरों में  महाआरती कर पानी के लिये दुआए मांग रहे है.  यहा तकरीबन 958 गांवों में पानी की भारी किल्लत है. महाराष्ट्र के चंद्रपुर (Chandrapur) गांव के लोग बूंद-बूंद पानी के लिये तरस रहें है.  जिले के ऐसे तीन गांव हैं जहां बरसाती नाले में गड्ढे खोदकर पानी निकाला जाता है.  जिसे स्थानीय भाषा में चूहा बनाना कहते हैं.  ये गांव हैं हेटी नांदगांव, टोले नांदगांव और चेक नांदगांव जो महाराष्ट्र और तेलंगाना की सीमा पर स्थित हैं.  

वही, सीमावर्ती गांव के लोग कुछ इस हाल में हैं की वो नाले में  तकरीबन 7-8 फ़ीट का गड्ढा खोदकर पानी निकालने पर मजबूर हैं. वही, धुले शहर के देवपुर इलाके में लोगों को 9-10 दिनों से पानी नसीब नहीं है. गांव की महिलाएँ प्रशासन के सामने मटका लेकर प्रदर्शन कर रही हैं. कितनी जगह गंदा पानी भी दिखा रहे है. कभी कभी अग्निशामक यंत्रों की सहायता से नागरिकों को पानी की आपूर्ति की जा रही है. इसी दौरान महाराष्ट्र के सोलापुर में पानी बचाव समिति द्वारा सिद्धेश्वर मन्दिर में पानी की क़िल्लत को लेकर महाआरती की गई तो सड़को पर भी प्रदर्शन हुआ. 

धुले गांव कि रहने वाली एक महिला ने NDTV से हुई बातचीत में बताया कि यहां दस दिन से पानी नहीं मिल रहा है. जब टैंकर आता है तो हम 6-7  टांकियां भर लेता है. गांव के लोग पानी की क़िल्लत से परेशान है. 

जानकारी मिली है की महाराष्ट्र में भीषण गर्मी के दौर के बीच जलाशयों में पानी का 41% भंडार बचा है. बताया जा रहा है की मौजूदा समय में 270 टैंकरों के माध्यम से 281 गांवों और 738 बस्तियों में पानी की आपूर्ति की जा रही है. पर क़िल्लत की तस्वीर कई इलाक़ों से है. कुछ ज़िलों में जल्द बरसात का अनुमान है, नागरिकों से लेकर किसानों की उम्मीद टिकी है.

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