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This Article is From May 31, 2023

VIDEO: यमुना में मिलने वाली हिंडन नदी का पानी लाल क्यों हो गया? जानिए क्या है कारण

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने अपनी रिपोर्ट में माना है कि हिंडन नदी में ऑक्सीजन नहीं है, यह नदी एक शहरी नाले में बदल चुकी है. इसके बगल में खड़े नहीं रहा जा सकता.

नोएडा के बहलोलपुर गांव में हिंडन नदी का पानी लाल रंग का दिखाई दिया.

नई दिल्ली:

हमारे देश में नदियां प्रदूषण की वजह से किस कदर जहरीली हो चुकी हैं, इसका एक नमूना गाजियाबाद, नोएडा में बहती हुई हिंडन नदी है. हिंडन के आसपास बड़ी तादाद में कपड़े रंगने वाली अवैध फैक्ट्रियां हैं जिनका गंदा पानी सीधे नदी में जाकर इसे टॉक्सिक बना रहा है. डाइंग फैक्ट्रियों का पानी सीधे हिंडन नदीं में जा रहा है जिससे नदी का पानी लाल दिख रहा है. 

हिंडन नदी एक बड़े नाले की तरह दिख रही है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भी अपनी रिपोर्ट में यह माना है कि इस नदी में ऑक्सीजन जीरो है. यह नदी एक शहरी नाले में बदल चुकी है. इसके बगल में खड़े नहीं रहा जा सकता.  

हिंडन नदी सहारनपुर से निकलती है,  शामली, गाजियाबाद होते हुए यह नोएडा से गुजरती है. इसके बाद हिंडन नदी यमुना में मिल जाती है. इस नदी में मिलने वाले नाले में बिल्कुल लाल रंग का पानी बहता हुआ नजर आया. इससे हिंडन नदी लाल हो गई है. बहलोलपुर गांव में नदी लाल दिख रही है. यह गांव नोएडा से सेक्टर 63 में पड़ता है. गांव में डाइंग फैक्ट्री है. फैक्ट्री का कैमिकल से प्रदूषित पानी नदी में जाता है. पानी लाल, नीले रंग का होता है. 

फैक्ट्री का पानी बिना ट्रीट किए नाले के जरिए नदी में जाता है. इससे हिंडन नदी जहरीली हो रही है. इसका एक बूंद पानी पीने से भी कई बीमारियां हो सकती हैं.   

बहलोलपुर गांव में करीब 35 डाइंग फैक्ट्रियां हैं. नदी में लाल रंग का पानी बहा तो उसका वीडियो युवक सोनू यादव ने बना लिया. इसी गांव के सोनू यादव ने जब से वीडियो बनाया है तब से वे बचते-बचाते घूम रहे हैं. गांव के बहुत सारे लोग इनसे नाराज हैं. वायरल हुए वीडियो की वजह से गांव में कार्रवाई भी हुई है. डाइंग फैक्ट्रियों की बिजली काट दी गई है. हालांकि जब भी ऐसा कुछ होता है तो सरकारी कर्मचारी इस तरह की औपचारिक कार्रवाई करते हैं. इसका कोई स्थाई समाधान नहीं है.    

सोनू यादव ने एनडीटीवी से कहा कि, 30-35 फैक्ट्रियों में कपड़ों पर कलर किया जाता है. गांव में चोरी-छिपे यह चलाया जाता है. फैक्ट्रियों में काम या तो रात में चलता है या फिर दोपहर में. नदी में कुछ पक्षी ऐसे देखे जो पानी पीने के बाद बीमार होकर गिर जाते हैं. नदी में कचरा भी जाता है. कम से कम अथॉरिटी एक जाल लगा दे तो कचरा नदी में न जाए. 

सोनू यादव ने कहा कि, हमारे बुजुर्ग इस नदी का पानी पीते थे, और आज हम इसके पास खड़े भी नहीं हो सकते. उन्होंने बताया कि लोगों को फैक्ट्रियों से रेंट 30 हजार से 50 हजार तक मिल रहा है. जिनको रेंट अच्छा मिल रहा है उनके लिए तो मैं दुश्मन बन गया हूं. 

हिंडन नदी सहारनपुर से निकलती है और फिर बागपत, शामली सहित पांच जिलों से गुजरती है. एनजीटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि करीब 350 फैक्ट्रियों का बिना ट्रीट किया हुआ प्रदूषित पानी हिंडन नदी में गिरता है. इसी नदी के किनारे-किनारे खेत हैं जिनमें सब्जियां उगाई जाती हैं. प्रदूषित पानी का उपयोग करके उगाई जाने वाली सब्जियां हमें बीमार कर रही हैं. नदी की इस स्थिति के लिए सिर्फ सरकार ही नहीं हम और आप भी जिम्मेदार हैं.

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