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This Article is From Mar 02, 2023

VIDEO: PM मोदी ने पूर्वोत्तर राज्‍यों में जीत पर जश्न के दौरान BJP कार्यकर्ताओं से किया यह खास आग्रह

तीन राज्‍यों के आए इस उत्‍साह भरे परिणाम के बाद पीएम ने पार्टी कार्यकर्ताओं/नेताओं को विनम्र भाव से आगे बढ़ते रहने की नसीहत दी.

बीजेपी मुख्‍यालय पर आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्‍या में कार्यकर्ता और नेता मौजूद थे

नई दिल्‍ली:

पूर्वोत्‍तर के तीन राज्‍यों त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय के विधानसभा चुनाव के नतीजों ने बीजेपी और इसके कार्यकर्ताओं को उत्‍साह से भर दिया है. जहां त्रिपुरा और नागालैंड में बीजेपी गठबंधन स्‍पष्‍ट बहुमत हासिल करते हुए सत्‍ता में वापसी करने जा रहा है, वहीं मेघालय में भी एनपीपी के साथ मिलकर उसकी सरकार बनने की संभावना है. इस शानदार प्रदर्शन के बाद दिल्‍ली स्थित पार्टी मुख्‍यालय में कार्यकर्ताओं के 'बड़े जमावड़े' को संबोधित करते हुए पीएम ने समर्थन जताने के लिए राज्‍य के वोटरों का आभार माना. अपने संबोधन की शुरुआत पीएम ने "भारत माता की जय" के उद्घोष के साथ की. अपने संबोधन की शुरुआत में कहा, "सबसे पहले एक प्रार्थना है नार्थ ईस्‍ट के भाई-बहनों के सम्‍मान में मोबाइल फोन निकालकर फ्लैश लाइट चालू करिए और नार्थ ईस्‍ट के नागरिकों का अभिनंदन करिए.  यह आप लोगों की ओर से नार्थ ईस्‍ट के लोगों का सम्‍मान है. यह प्रकाश  जो आपने  फैलाया है यह उनके (नार्थ ईस्‍ट के लोगों के) सम्‍मान और गौरव में है." 

तीन राज्‍यों के आए इस उत्‍साह भरे परिणाम के बाद पीएम ने पार्टी कार्यकर्ताओं/नेताओं को विनम्र भाव से आगे बढ़ते रहने की नसीहत दी. उन्‍होंने कहा,  "बीते वर्षों में बीजेपी मुख्‍यालय ऐसे अनेक अवसरों का साक्षी बना है. यह जनता जर्नादन को नमन करने का हमारे पास एक मौका आया है. मैं त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय की जनता का स्‍वागत अभिनंदन करता हूं, जिन्‍होंने बीजपी और हमारे साथियों को भरपूर आशीर्वाद दिया है. तीनों राज्‍यों के बीजेपी कार्यकर्ताओं को भी बधाई देता हूं." प्रधानमंत्री ने  कहा कि यह चुनाव दिलों की दूरी समाप्त होने के साथ नई सोच का प्रतिबिंब है. यह नया युग और नया इतिहास रचे जाने का पल है. चुनाव जीतने से ज्यादा मुझे इस बात का संतोष है कि PM के कार्यकाल के दौरान बार-बार नॉर्थ ईस्ट जाकर के लोगों के दिलों को जीता है.'

पूर्वोत्‍तर राज्‍यों का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि पहले, पूर्वोत्तर क्षेत्र से नतीजे आने पर दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में ज्यादा चर्चा नहीं होती थी बल्कि चर्चा चुनाव के दौरान हुई हिंसा को लेकर होती थी. त्रिपुरा का जिक्र करते हुए कहा कि पहले त्रिपुरा में ये हाल था कि एक पार्टी के अलावा दूसरी पार्टी का एक झंडा तक नहीं लगाया जा सकता था. अगर किसी ने लगाने की कोशिश की तो उसे लहूलुहान कर दिया जाता था. इस बार इन चुनावों में हमने कितना बड़ा परिवर्तन देखा है. अब हम नई दिशा पर चल पड़ा हुआ पूर्वोत्तर देख रहे हैं.

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