उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सिल्कयारा टनल (Uttarkashi Tunnel Collapse)में पिछले 17 दिनों से फंसे 41 मजदूरों को आखिरकार बाहर (Uttarkashi Tunnel Rescue Operation) निकाल लिया गया है. बाहर निकल कर आए मज़दूरों को एम्बुलेंस के जरिए सीधा चिन्यालीसौड़ के स्वास्थ्य केंद्र लाया जाया गया है. उन्हें वहां डॉक्टरों की निगरानी में रखा जाएगा. 12 नवंबर यानी दिवाली की सुबह टनल का एक हिस्सा ढह गया. ये सभी उसी दिन से अंदर फंसे हुए थे. 17 दिनों बाद टनल से बाहर निकलने के बाद जहां इन मजदूरों की आंखों में खुशी के आंसू हैं. वहीं, इनके परिवार वाले खुशी से झूम रहे हैं. मजदूरों के परिवार वालों ने रेस्क्यू टीमों, रैट होल माइनर्स और सीएम पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) और केंद्र सरकार का शुक्रिया अदा किया है.
मज़दूरों के रेस्क्यू ऑपरेशन में राज्य और केंद्र सरकार की एजेंसियों के साथ ही सेना, विभिन्न संगठन, रैट होल माइनर्स और विश्व के नामी टनल एक्सपर्ट शामिल थे. सिल्क्यारा टनल से बचाए गए मजदूरों में विशाल भी शामिल हैं, जो हिमाचल प्रदेश के मंडी में रहते हैं. विशाल की मां उर्मिला ने न्यूज एजेंसी ANI के हवाले से कहा, "मैं उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की सरकारों से बहुत खुश हूं, मैं उन्हें तहे दिल से धन्यवाद देती हूं..."
#WATCH | Mandi, Himachal Pradesh: Urmila, mother of Vishal, one of the workers who were rescued from Silkyara tunnel says, " I am very happy with the govts of Uttarakhand and Himachal Pradesh, I thank them from the bottom of my heart..." pic.twitter.com/VMqVPg5vVJ
— ANI (@ANI) November 28, 2023
दिवाली वाले दिन ही ये हादसा हुआ था. रोशनी के त्यौहार पर इन मजदूरों के परिवारों की जिंदगी में अंधेरा आ गया था. अब 17 दिन बाद जब मजदूर सुरक्षित बाहर निकाल लिए गए हैं, तो इनके परिवार में दिवाली मनाई जा रही है. ओडिशा के भुवनेश्वर में एक मजूदर के परिवार में बच्चों ने आतिशबाजियां की. घरों में दीये जलाए गए. पकवान बनाए गए. एक-दूसरे का मुंह मीठा कराया गया.
VIDEO | Uttarkashi tunnel rescue UPDATE: People burst firecrackers in Odisha's Bhubaneswar to celebrate the successful rescue operation of 41 trapped workers inside the Silkyara tunnel.#UttrakhandTunnelCollapse #UttarakhandTunnelRescue pic.twitter.com/DmgCZvek6a
— Press Trust of India (@PTI_News) November 28, 2023
उत्तरकाशी के सिल्कयारा टनल में फंसे मजदूर मंजीत के घर पर जश्न का मौहाल है. मंजीत उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के रहने वाले हैं.
#WATCH | Lakhimpur Kheri, Uttar Pradesh: Celebrations begin at the residence of Manjit, a worker who was trapped in the Silkyara Tunnel in Uttarkashi.
— ANI (@ANI) November 28, 2023
All the 41 trapped workers have been successfully evacuated. pic.twitter.com/j1NUkoIUy2
रांची के बाहरी इलाके में स्थित खीराबेड़ा गांव में भी जश्न का माहौल है. यहां ग्रामीणों ने 'लड्डू' बांटे. लकवाग्रस्त श्रवण बेदिया (55) का इकलौता बेटा राजेंद्र (22) टनल में फंसा हुआ था. लंबी निराशा के बाद चेहरे पर कुछ राहत के साथ उन्हें अपनी झोपड़ी के बाहर व्हीलचेयर पर देखा गया. राजेंद्र के अलावा गांव के दो अन्य लोग-सुखराम और अनिल ( जिनकी उम्र लगभग 20 वर्ष के आसपास है) इस टनल में फंसे थे.
सुनील पिछले एक सप्ताह से अपने भाई का इंतजार कर रहे थे. वह भी इसी प्रोजेक्ट में काम करते हैं. उन्होंने कहा कि यह उनकी जिंदगी का सबसे मुश्किल वक्त था.
बता दें कि रेस्क्यू ऑपरेशन में NDRF, SDRF, BRO, RVNL, SJVNL, ONGC, ITBP, NHAIDCL, THDC, उत्तराखंड राज्य शासन, जिला प्रशासन, भारतीय थल सेना, वायुसेना समेत तमाम संगठनों, अधिकारियों और कर्मचारियों की अहम भूमिका रही.
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