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This Article is From Mar 07, 2021

BJP कोर ग्रुप की अचानक हुई बैठक ने बढ़ाया उत्तराखंड का सियासी पारा, बड़े बदलावों की अटकलें

रमन सिंह के दिल्ली लौटने से पहले यहां जौलीग्रांट हवाई अडडा पर निशंक ने उनसे मुलाकात की. इतनी तेजी से घटे घटनाक्रम ने राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को हवा दे दी. 

BJP कोर ग्रुप की अचानक हुई बैठक ने बढ़ाया उत्तराखंड का सियासी पारा, बड़े बदलावों की अटकलें
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को गैरसैंण से तुरंत देहरादून वापस आना पड़ा (फाइल फोटो)
देहरादून:

उत्तराखंड भाजपा की कोर ग्रुप की अचानक हुई बैठक ने राज्य सरकार में कुछ बड़े परिवर्तन की अटकलों को हवा देकर प्रदेश का सियासी तापमान बढ़ा दिया है. शनिवार शाम यहां हुई इस बैठक की अध्यक्षता भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने की. सिंह के साथ पार्टी मामलों के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम भी मौजूद रहे. प्रदेश इकाई की कोर ग्रुप की यह बैठक पहले से प्रस्तावित नहीं थी और यह ऐसे समय बुलाई गई जब प्रदेश की नई ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में राज्य विधानसभा का महत्वपूर्ण बजट सत्र चल रहा था. 

बैठक की सूचना मिलने पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को गैरसैंण से तुरंत देहरादून वापस आना पड़ा. आनन—फानन में बजट पारित करा कर सत्र भी अनिश्चितकाल के लिए समाप्त कर दिया गया और भाजपा विधायकों को भी गैरसैंण से तत्काल देहरादून बुला लिया गया. 

दो घंटे से भी ज्यादा समय तक चली कोर ग्रुप की बैठक में राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, टिहरी से लोकसभा सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, नैनीताल से लोकसभा सांसद अजय भट्ट, प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत, कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक सहित राज्य संगठन के भी अहम नेता मौजूद रहे. 

पार्टी सूत्रों ने बताया कि रमन सिंह ने कोर ग्रुप की बैठक में मौजूद हर सदस्य से अलग—अलग बातचीत की. बाद में रमन सिंह मुख्यमंत्री के सरकारी आवास में भी गए जहां पार्टी के करीब 40 विधायक मौजूद थे. कोर ग्रुप की बैठक के बाद सिंह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यालय भी गए. 

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को भी कोर ग्रुप की बैठक में सम्मिलित होना था लेकिन किसी कारणवश वह नहीं पहुंच पाए. हालांकि, रमन सिंह के दिल्ली लौटने से पहले यहां जौलीग्रांट हवाई अडडा पर निशंक ने उनसे मुलाकात की. इतनी तेजी से घटे घटनाक्रम ने राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को हवा दे दी. 

हालांकि इस संबंध में पूछे जाने पर बंशीधर भगत ने कहा, ‘‘18 मार्च को प्रदेश सरकार के चार साल पूरे होने के उपलक्ष्य में 70 विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले कार्यक्रमों के बारे में चर्चा करने के लिए यह बैठक बुलाई गई थी.''उन्होंने कहा कि प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन की कोई संभावना नहीं है और पार्टी विधायकों में कहीं कोई मनमुटाव नहीं है.  हालांकि, पार्टी सूत्रों ने कहा कि अभी इस बारे में पक्के तौर पर कुछ भी नहीं कहा नहीं जा सकता.

वीडियो: उत्तराखंड आपदा में किस तरह से काम आ रहे हैं ड्रोन्स?

  

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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