उत्तर प्रदेश विधानमंडल के बजट सत्र के दूसरे दिन शनिवार को काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में आईआईटी की छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म के मामले पर उच्च सदन (विधान परिषद) में सरकार के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्यों ने सदन से 'वॉक आउट' किया.
विधान परिषद में नियम 105 (कार्यस्थगन) के तहत सपा के सदस्य लाल बिहारी यादव, नरेश चंद्र उत्तम व अन्य सदस्यों ने पिछले वर्ष एक नवंबर को बीएचयू आईआईटी की छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म और वीडियो बनाने के मामले पर जिला प्रशासन की कार्यवाही पर असंतोष जाहिर करते हुए सदन की कार्यवाही रोककर चर्चा कराये जाने की मांग की.
सपा सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य, मुकुल यादव और डॉक्टर मान सिंह यादव ने इस मांग पर जोर दिया. सपा सदस्यों ने आरोप लगाया कि आरोपी सत्ता पक्ष से जुड़े थे और उनके खिलाफ समय से कार्रवाई नहीं की गयी. सदस्यों ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' नारा केवल दिखावा है और सत्तारूढ़ दल का असली चेहरा सामने आ गया है.
विधान परिषद सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने कार्यस्थगन की सूचना को अस्वीकार कर दिया और मामले को सरकार को आवश्यक कार्रवाई के लिए संदर्भित किया. सरकार के जवाब से असंतुष्ट होकर सपा सदस्यों ने सरकार विरोधी नारे लगाते हुए सदन से वॉक आउट कर दिया.
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