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यूपी उपचुनाव : आखिर फूलपुर पर क्यों अटकी कांग्रेस की सूई, क्या प्रियंका की बात मानेंगे अखिलेश?

अखिलेश यादव बार-बार कहते रहे हैं कि इंडिया गठबंधन मज़बूत है. हम साथ-साथ लड़ेंगे, लेकिन वे ये बताना भी नहीं भूलते हैं कि हरियाणा की हार से हमें सीखना चाहिए.

यूपी उपचुनाव : आखिर फूलपुर पर क्यों अटकी कांग्रेस की सूई, क्या प्रियंका की बात मानेंगे अखिलेश?
लखनऊ:

समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव के लिए सातवें उम्मीदवार की घोषणा कर दी है. हफ़्ते भर पहले अखिलेश यादव ने छह सीटों पर टिकट फाइनल कर दिए थे. सूत्रों से पता चला है कि कुंदरकी विधानसभा के लिए भी समाजवादी पार्टी ने प्रत्याशी तय कर लिया है. बस इसका एलान होना बाक़ी है. अखिलेश यादव आज दो दिनों के दौरे पर महाराष्ट्र के लिए रवाना हो गए हैं. समाजवादी पार्टी इस बार वहां महाविकास अघाड़ी के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहती है.

समाजवादी पार्टी ने यूपी के उपचुनाव के लिए कांग्रेस को दो विधानसभा सीटों का ऑफर किया है. इनमें एक अलीगढ़ की खैर विधानसभा सीट है. ये सुरक्षित सीट है. पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी के बाद बीएसपी यहां दूसरे नंबर पर थी. बीएसपी उम्मीदवार रहीं चारू केन इसी महीने कांग्रेस में आ गईं. कांग्रेस के लिए समाजवादी पार्टी ने दूसरी सीट ग़ाज़ियाबाद सदर छोड़ी है, लेकिन कांग्रेस पार्टी प्रयागराज की फूलपुर सीट अपने लिए चाहती है.
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प्रियंका ने अखिलेश से फूलपुर सीट देने की मांग रखी

श्रीनगर में प्रियंका गांधी और अखिलेश यादव की मुलाक़ात हुई थी. इसी मुलाकात में प्रियंका ने अखिलेश से फूलपुर सीट देने की मांग रखी. सूत्रों से पता चला है कि गांधी नेहरू परिवार के एक करीबी नेता फूलपुर से चुनाव लड़ना चाहते हैं. इस सीट से परिवार का इमोशनल कनेक्ट भी रहा है.

कांग्रेस पार्टी के एक सांसद ने फूलपुर से टिकट की मांग के पीछे दूसरी वजह बताई है. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी जो सीटें दे रही हैं वो दोनों पश्चिमी यूपी में है. हम चाहते हैं कि पूर्वांचल से भी पार्टी चुनाव लड़े. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि इन दोनों सीटों पर जीतना बहुत मुश्किल है. इसीलिए हम एक ऐसी सीट भी चाहते हैं जहां जीतने की संभावना हो.
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हरियाणा की हार से हमें सीखना चाहिए- अखिलेश

अखिलेश यादव बार-बार कहते रहे हैं कि इंडिया गठबंधन मज़बूत है. हम साथ-साथ लड़ेंगे, लेकिन वे ये बताना नहीं भूलते हैं कि हरियाणा की हार से हमें सीखना चाहिए. कांग्रेस ने शुरुआत में विधानसभा की 10 में से 5 सीटों की मांग की थी, लेकिन हरियाणा चुनाव के नतीजे के अगले ही दिन सपा ने छह सीटों की घोषणा कर दी. फिर महाराष्ट्र के लिए निकलने से पहले अखिलेश यादव ने मीरापुर सीट पर भी अपना उम्मीदवार उतार दिया.

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