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This Article is From Feb 13, 2023

‘एयरो इंडिया’ में पहली बार नजर आए अमेरिकी वायुसेना के एफ-35 विमान 

भारतीय सैन्य अधिकारियों के अनुसार, यह पहली बार है जब अमेरिकी वायुसेना का एफ-35 विमान भारत में उतरा है.

‘एयरो इंडिया’ में पहली बार नजर आए अमेरिकी वायुसेना के एफ-35 विमान 
यह पहली बार है जब अमेरिकी वायुसेना का एफ-35 विमान भारत में उतरा है. (फाइल)
बेंगलुरु :

अमेरिकी वायु सेना (यूएसएएफ) के पांचवीं पीढ़ी के सुपरसोनिक बहुउद्देश्यीय एफ-35ए विमान सोमवार को यहां ‘एयरो-इंडिया' में पहली बार नजर आए. दो लड़ाकू विमान- एफ-35ए लाइटनिंग दो और एफ-35ए ज्वाइंट स्ट्राइक फाइटर अमेरिका में उताह और अलास्का वायुसेना के ठिकानों से अपनी यात्रा के बाद बेंगलुरु के बाहरी इलाके में येलहंका वायुसेना स्टेशन पहुंचे. भारतीय सैन्य अधिकारियों के अनुसार, यह पहली बार है जब अमेरिकी वायुसेना का एफ-35 विमान भारत में उतरा है. दो एफ-35एस के अलावा, अमेरिकी वायुसेना का एक एफ-16 लड़ाकू विमान फाल्कन बल के प्रमुख लड़ाकू विमानों में से एक की क्षमता का प्रदर्शन करने के लिए हवाई करतब करेगा. 

एफ/ए-18ई और एफ/ए-18एफ सुपर हॉर्नेट, अमेरिकी नौसेना के सबसे उन्नत फ्रंटलाइन कैरियर-आधारित मल्टीरोल स्ट्राइक फाइटर विमान भी अमेरिका के प्रदर्शन का हिस्सा हैं. 

अमेरिकी पक्ष के एक बयान में कहा गया है कि अमेरिका के उताह में हिल एयर फोर्स बेस से यात्रा के बाद एफ-35ए लाइटनिंग-दो प्रदर्शनी टीम अपनी अनूठी हवाई क्षमताओं के प्रदर्शन के साथ भीड़ को प्रभावित करेगी. अलास्का में ईल्सन एयरफोर्स बेस से आया एफ-35ए लाइटनिंग-दो भी प्रदर्शनी में शामिल रहेगा. 

वायुसेना और अंतरराष्ट्रीय मामलों के अमेरिकी सहायक उप अवर सचिव मेजर जनरल जूलियन सी चीटर ने कहा कि ‘एयरो इंडिया' अमेरिका द्वारा सबसे उन्नत, घातक और ‘इंटरऑपरेबल' हथियार प्रणालियों का प्रदर्शन करने के लिए एक आदर्श मंच है. 

उन्होंने कहा, ‘‘एफ-35 विमान अमेरिकी लड़ाकू विमानों की अग्रणी प्रौद्योगिकी का प्रतिनिधित्व करता है. ‘एयरो इंडिया' अमेरिका द्वारा सबसे उन्नत, सक्षम, घातक और इंटरऑपरेबल हथियार प्रणालियों का प्रदर्शन करने के लिए एक आदर्श मंच है. यह प्रणाली और अन्य को उन्नत प्रतिरक्षा के लिए तैयार किया गया है.''

बयान में कहा गया कि एफ-35 का इंजन 43,000 पाउंड का प्रतिक्रिया बल (थ्रस्ट) पैदा करता है. 

इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ‘एयरो इंडिया' का उद्घाटन किया. पांच दिवसीय इस प्रदर्शनी को एशिया में सबसे बड़ी प्रदर्शनी माना जाता है. प्रधानमंत्री ने भारत को रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य के रूप में पेश करते हुए कहा कि यह वैश्विक स्तर पर सैन्य साजो-सामान के प्रमुख निर्यातकों में से एक बनने की ओर अग्रसर होगा. 

मोदी ने यह टिप्पणी बेंगलुरू के बाहरी इलाके में स्थित येलहंका वायुसेना स्टेशन परिसर में ‘एयरो इंडिया' के 14वें संस्करण का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में की. 

अधिकारियों ने कहा कि पांच दिवसीय प्रदर्शनी में 810 रक्षा कंपनियां और 98 देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं. ‘एयरो इंडिया' का यह संस्करण देश को सैन्य विमान, हेलीकॉप्टर, सैन्य उपकरण और नए युग की वैमानिकी के निर्माण के लिए एक उभरते हुए केंद्र के रूप में प्रदर्शित कर रहा है. 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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