नई दिल्ली:
पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि वापस लेने की मांग को लेकर सोमवार को विपक्षी दलों ने संसद के दोनों सदनों में हंगामा किया, जिस कारण दोनों सदनों की कार्यवाही दिन में कई बार स्थगित करने के बाद अंतत: पूरे दिन के लिए स्थगित करनी पड़ी।
लोकसभा में पूर्वाह्न 11 बजे कार्यवाही शुरू होते ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) तथा तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी।
सदन की अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदस्यों से प्रश्नकाल चलने देने का अनुरोध किया, लेकिन हंगामा शांत नहीं हुआ, जिसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी।
दोपहर में कार्यवाही शुरू होने पर भी यही स्थिति जारी रही, जिस कारण उन्होंने सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
लोकसभा में दोपहर दो बजे कार्यवाही शुरू होने के बाद भी हंगामा जारी रहा, जिसे देखते हुए सदन के उपाध्यक्ष करिया मुंडा ने कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी।
उधर, राज्यसभा में भी यही स्थिति रही। विपक्षी दलों के साथ-साथ समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने भी इस मुद्दे पर हंगामा किया। इस कारण सभापति हामिद अंसारी ने पहले 10 मिनट के लिए और फिर दोपहर तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। लेकिन दो बजे कार्यवाही शुरू होने पर भी हंगामा जारी रहा।
भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा, "यह संसद का अनादर है। जब संसद का सत्र चल रहा है तो केंद्रीय मंत्री मूल्य वृद्धि की घोषणा बाहर कैसे कर सकते हैं?"
सपा नेता नरेश अग्रवाल ने कहा कि पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि स्वीकार्य नहीं है। सरकार ने बजट पेश किए जाने के एक दिन बाद ही इसकी घोषणा कर दी।
केंद्रीय संसदीय राज्यमंत्री राजीव शुक्ला ने यह कहकर विपक्षी सदस्यों की नाराजगी दूर करने की कोशिश की कि पेट्रोल की कीमत में वृद्धि का निर्णय तेल कंपनियों ने लिया है, सरकार ने नहीं।
विपक्षी दलों के सदस्य हालांकि इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और उनका हंगामा जारी रहा। इसके बाद राज्यसभा के उप सभापति पीजे कुरियन ने सदन की कार्यवाही पहले दोपहर दो बजे तक, फिर दोपहर तीन बजे तक और अंतत: पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी।
उल्लेखनीय है कि पेट्रोल की कीमतों में एक मार्च से विभिन्न करों के अतिरिक्त 1.40 रुपये की वृद्धि की गई है। पिछले दो सप्ताह में पेट्रोल की कीमतों में यह दूसरी वृद्धि है। इससे पहले 15 फरवरी को भी पेट्रोल की कीमतों में 1.50 रुपये की वृद्धि की गई थी।
लोकसभा में पूर्वाह्न 11 बजे कार्यवाही शुरू होते ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) तथा तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी।
सदन की अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदस्यों से प्रश्नकाल चलने देने का अनुरोध किया, लेकिन हंगामा शांत नहीं हुआ, जिसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी।
दोपहर में कार्यवाही शुरू होने पर भी यही स्थिति जारी रही, जिस कारण उन्होंने सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
लोकसभा में दोपहर दो बजे कार्यवाही शुरू होने के बाद भी हंगामा जारी रहा, जिसे देखते हुए सदन के उपाध्यक्ष करिया मुंडा ने कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी।
उधर, राज्यसभा में भी यही स्थिति रही। विपक्षी दलों के साथ-साथ समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने भी इस मुद्दे पर हंगामा किया। इस कारण सभापति हामिद अंसारी ने पहले 10 मिनट के लिए और फिर दोपहर तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। लेकिन दो बजे कार्यवाही शुरू होने पर भी हंगामा जारी रहा।
भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा, "यह संसद का अनादर है। जब संसद का सत्र चल रहा है तो केंद्रीय मंत्री मूल्य वृद्धि की घोषणा बाहर कैसे कर सकते हैं?"
सपा नेता नरेश अग्रवाल ने कहा कि पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि स्वीकार्य नहीं है। सरकार ने बजट पेश किए जाने के एक दिन बाद ही इसकी घोषणा कर दी।
केंद्रीय संसदीय राज्यमंत्री राजीव शुक्ला ने यह कहकर विपक्षी सदस्यों की नाराजगी दूर करने की कोशिश की कि पेट्रोल की कीमत में वृद्धि का निर्णय तेल कंपनियों ने लिया है, सरकार ने नहीं।
विपक्षी दलों के सदस्य हालांकि इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और उनका हंगामा जारी रहा। इसके बाद राज्यसभा के उप सभापति पीजे कुरियन ने सदन की कार्यवाही पहले दोपहर दो बजे तक, फिर दोपहर तीन बजे तक और अंतत: पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी।
उल्लेखनीय है कि पेट्रोल की कीमतों में एक मार्च से विभिन्न करों के अतिरिक्त 1.40 रुपये की वृद्धि की गई है। पिछले दो सप्ताह में पेट्रोल की कीमतों में यह दूसरी वृद्धि है। इससे पहले 15 फरवरी को भी पेट्रोल की कीमतों में 1.50 रुपये की वृद्धि की गई थी।
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